Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Feb, 2018 12:46 PM
कढोर परिश्रम करने वाले की कभी हार नहीं होती और कोई काम छोटा नहीं होता l यह साबित क्र दिखाया है दिल्ली के लष्मी नगर शरकारपुर इलाके में अख़बार बेचने वाले श्री राम सहोदर पांडेय जी ने. यह माननीय पिछले ३५ साल से ज्यादा से अख़बार बेच रहे है l अपनी सारी...
कढोर परिश्रम करने वाले की कभी हार नहीं होती और कोई काम छोटा नहीं होता l यह साबित क्र दिखाया है दिल्ली के लष्मी नगर शरकारपुर इलाके में अख़बार बेचने वाले श्री राम सहोदर पांडेय जी ने. यह माननीय पिछले ३५ साल से ज्यादा से अख़बार बेच रहे है l अपनी सारी ज़िन्दगी मेहनत करते रहे लेकिन बच्चो को खूब पढ़ाया l सुबह ४ बजे उठना, कभी आलस न करना , चाहे सर्दी हो या बारिश या तूफ़ान इन्होने कभी अख़बार की छुट्टी नहीं की l खुद सिर्फ बारहवीं पास है लेकिन अपने दोनों बच्चो को डॉ. अरविंद पांडेय और डॉ. मंजु पांडेय को पढ़ाया जिनकी बदौलत इनका सपूत डॉ. अरविन्द पांडेय आज अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिक है और कैंसर पर शोध कर रहे है इनके बेटे ने हमें बताया की जब यह लष्मि नगर के बाल भवन स्कूल में फीस जमा करने आते थे , तो अपनी अख़बार से लदी साइकिल कही और खड़ी करके आते थे ताकि कोई इनसे यह न पूछले के आप क्या करते है , लेकिन आज उनको यह कहने में गर्व होता है की इसी अख़बार के काम के वजह से मेरा बेटा इतने ऊँचे मक़ाम पर है l आख़िरकार पिता ने यह साबित कर दिया की कोई काम छोटा नहीं होता, बस लग्न और ईमानदारी होनी चाहिए ।।।
अरविंद पांडे