Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Mar, 2018 03:35 PM
अमेरिका में काम करने वालों के लिए अच्छी और बुरी खबर है। अच्छी खबर यह है कि अमेरिकी सरकार की संबंधित एजेंसी यूएस सिटिजनशिप ऐंड इमिग्रेशन सर्विसेज (यू.एस.सी.आई.एस.) ने 2 अप्रैल 2018 से H-1B
वॉशिंगटनः अमेरिका में काम करने वालों के लिए अच्छी और बुरी खबर है। अच्छी खबर यह है कि अमेरिकी सरकार की संबंधित एजेंसी यूएस सिटिजनशिप ऐंड इमिग्रेशन सर्विसेज (यू.एस.सी.आई.एस.) ने 2 अप्रैल 2018 से H-1B वीजा के लिए आवेदन स्वीकार करने की घोषणा की है। जब कि प्रीमियम प्रोसेसिंग पर अस्थाई तौर पर रोक लगा दी है। यह रोक 10 सितंबर 2018 तक लागू रहेगी।
भारतीय IT पेशेवरों पर सीधा असर
इस तरह की वीजा सुविधा का लाभ सबसे ज्यादा भारतीय आईटी पेशेवरों को मिलता था। आईटी कंपनियां इस सर्विस के तहत सामान्य से थोड़ा ज्यादा फीस चुकाकर किसी भारतीय आईटी पेशेवर के लिए आसानी से यह वीजा जारी करवा लेती थीं। पिछले साल भी H-1B वीजा की प्रोसेसिंग रोक दी गई थी। इसका असर अमेरिकी आईटी सेक्टर पर देखा गया था। इसके चलते इंजीनियरों का इंतजाम होने तक कई कपंनियों को अपने प्रोजेक्ट या वेंयर को रोकने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
इस सर्विस के तहत किसी विदेशी कामगार को मात्र 15 दिन के भीतर वीजा जारी कर दिया जाता है। यह नियम लाभ कमाने के लिए काम करने वाली कंपनियों पर लागू होगा। हर साल अमेरिकी सरकार ऐसी कंपनियों के लिए 85 हजार वीजा जारी करती है। जानकारों के मुताबिक, ज्यादातर आईटी कंपनियां इसी के दायरे में आती हैं। ऐसे में नुकसान भारतीय पेशेवरों को ही सबसे ज्यादा होगा।