भारतीय मूल के लोगों पर ट्रंप ने कर दिया है जादू !

Edited By ,Updated: 14 Mar, 2016 06:37 PM

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अमरीका में बसे भारत के मूल नागरिक विशेष रूप से मुस्लिम वर्ग के लोग राष्ट्रपति पद के लिए बढ़त बनाने वाले रिपब्किन उम्मीदवार

अमरीका में बसे भारत के मूल नागरिक विशेष रूप से मुस्लिम वर्ग के लोग  राष्ट्रपति पद के लिए बढ़त बनाने वाले रिपब्किन उम्मीदवार और मशहूर व्यवसायी डोनाल्ड ट्रंप के बयानों को तरजीह न देते हुए उसे जिताने के पक्ष में हैं। जबकि इस बीच ट्रंप में एक और विवादास्पद बयान दे दिया है। उनका कहना है कि एक चौथाई मुस्लिम आतंकवादी है। हाल में दिए बयानों से ट्रंप ने एशियाई देशों विशेषकर भारत को चिंतित कर दिया था,लेकिन अमरीका के मूल भारतीयों के व्यवहार से लगता है कि उन्हें इन बयानों से कुछ लेना देना नहीं है। ऐसा लगता है कि ट्रंप भी मिल रहे आपार समर्थन से इतने अभिभूत है कि बयान देते समय वह उसके परिणामों की चिंता नहीं कर रहे हैं।

न्यूयार्क के साथ-साथ न्यूजर्सी और कनेक्टीकट के कुछ हिस्से में रहने वाले भारतीय मूल के अमेरीकियों का एक हिस्सा ट्रंप को समर्थन देने का एलान कर चुका है। उन्होंने ट्रंप के समर्थन और उनके लिए कोष एकत्र करने के लिए पोलिटिकल एक्शन कमेटी (पीएसी) का गठन कर लिया है। कुछ दिन पूर्व इस कमेटी का रजिस्ट्रेशन कराया गया है। इसके प्रमुख न्यूजर्सी के सेटोन हॉल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर डॉक्टर एडी अमर को बनाया गया। इस कमेटी पर ट्रंप का जादू इस कदर सिर चढ़ कर बोल रहा है कि उसका मानना है कि डोनाल्ड जे.ट्रंप का एजेंडा अमेरीकी अर्थव्यवस्था में नई जान फूंक सकता है। वे अमेरिका को फिर से विश्व मंच पर स्थापित करने के लिए उपयुक्त हैं। यह संगठन कहता है कि आतंकवाद को परास्त करके ताकत के बल पर शांति स्थापित करने में ट्रंप सक्षम हैं। वे नौकरियां देने की बात करते हैं,युद्ध से परहेज करने का पक्ष लेते हैं। 

ऐसी स्थिति में अमेरीकी राष्ट्रपति पद के लिए ये भारतीय हिंदू,सिख और अन्य देशों से आकर बसने वाले मुस्लिम लोग ट्रंप को सर्वश्रेष्ठ मानते हैं। हिंदूज़ फ़ॉर ट्रंप नाम से फेसबुक पर बकायदा एक पेज ही बना दिया गया है। अमरीका में ​रहने वाले हिंदुओं की संख्या लाखों में है। उनके समर्थन से ट्रंप को फायदा जरूर होगा। उन्होंने अपनी रैलियों में सभी मुसलमानों के अमरीका में घुसने पर रोक लगाए जाने की वकालत की है जबकि मुस्लिम वर्ग का मानना है कि ट्रंप उनके विरोधी नहीं हैं। वे तो सीरिया के लोगों का अमरीका में प्रवेश नहीं होना देना चाहतेे। 

हाल में मुस्लिम लोगों के लिए डोनाल्ड ने जो बयान दिया है लगता नहीं कि रवैया इनके प्रति बदल पाएगा। मुस्लिम समुदाय के एक गुट ने तो यहां तक कह दिया कि ट्रंप के बयानों को मीडिया ने तोड़-मरोड़ कर पेश किया है। अमेरीकन मुस्लिम्स फ़ॉर ट्रंप नामक संगठन का कहना है कि शरणार्थियों को रोकने के लिए ट्रंप ऐसे बयान दे रहे हैं। इस होड़ में सिख समुदाय भी पीछे नहीं रहा। उनके संगठन का नाम है अमेरीकन सिख्स फ़ॉर ट्रंप। यह संगठन मानता है कि ट्रंप तो गैर कानूनी तौर पर अमरीका आने वाले लोगों का ​विरोध करते हैं। ट्रंप कंपनी के कई देशों से व्यवयसिक संबंध है इसलिए वे विभिन्न देशों की संस्कृतियों को समझते हैं।

न्यूयॉर्क औऱ न्यू जर्सी में रहने वाले भारतीय मूल के लोग भी कम नहीं निकले। उन्होंने भी ट्रंप के समर्थन में एक संगठन बनाया है। इसका नाम रखा गया है, 'इंडियन अमेरिकन्स फ़ॉर ट्रंप 2016।' इस संगठन ने सारे अमरीकियों से अपील की है और मदद भी मांगी है। ये कहते हैं कि सब लोग हमारे साथ जुड़ें और अमरीका को फिर से महान बनाने के लिए ट्रंप को इस देश का अगला राष्ट्रपति बनाने में मदद करें।

भारतीय मूल के लोग इस पक्ष में हैं कि कोई मज़बूत नेता अमरीका का राष्ट्रपति बने और वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक गठबंधन बनाए। आतंकवाद का खतरा बढ़ता जा रहा है, आईएस, बोको हराम जैसे गुटों का सक्रिय होना शांति स्थापना के लिए बहुत बड़ी चुनौती हैं। इनसे निपटने के लिए इस समय अमरीका में सबसे मज़बूत और असरदार नेता सिर्फ़ डोनाल्ड ट्रंप ही हैं। इन लोगों की नजर में ट्रंप सफल व्यवसायी हैं इसलिए वही अमरीका की अर्थव्यवस्था को बेहतर बना सकते हैं। 

खास बात यह है कि इन भारतीयों का अमरीका में अवैध रूप से रहने वाले लोगों के प्रति बड़ा सख्त रवैया देखा गया है। डोनाल्ड के सुर में सुर मिलाते हुए वे ऐसे एक करोड़ से अधिक लोगों को देश से निकाला चाहते हैं। वे कहते हैं कि यह कार्रवाई करने से अमरीका पर आर्थिक बोझ कम होगा। गंभीर होती जा रही इस समस्या का समाधान निकालने में ट्रंप ही उपयुक्त हैं।

अपने पक्ष में चल रही इस हवा से डोनाल्ड ट्रंप का अति आत्मविश्वासी होना लाजिमी है। उन्हें लगता है कि हिंदू,सिख और मुस्लिम समुदाय उनकी जीत में अहम भूमिका निभा सकते हैं। अपने प्रति हो रहे विरोध से नहीं लगता कि ट्रंप के तेवर में कोई अंतर आए।

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