‘रेत माफिया के विरुद्ध’ कै. अमरेंद्र सिंह का ‘निर्णायक युद्ध’

Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Mar, 2018 01:56 AM

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पंजाब में लम्बे समय से रेत माफिया द्वारा अवैध रूप से रेत निकाल कर राज्य सरकार के खजाने को प्रतिदिन लाखों रुपए का चूना लगाया जा रहा है। अवैध खनन के इस कारोबार से अनेक सत्ताधारी और विपक्षी नेताओं का नाम भी जुड़ा हुआ है जो अपने खास लोगों को ठेके दिलवा...

पंजाब में लम्बे समय से रेत माफिया द्वारा अवैध रूप से रेत निकाल कर राज्य सरकार के खजाने को प्रतिदिन लाखों रुपए का चूना लगाया जा रहा है। अवैध खनन के इस कारोबार से अनेक सत्ताधारी और विपक्षी नेताओं का नाम भी जुड़ा हुआ है जो अपने खास लोगों को ठेके दिलवा कर खुद भी भारी कमाई करते और उनको भी कराते हैं। 

कुछ समय पूर्व पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ तथा स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने स्वीकार किया था कि राज्य में अवैध रेत खनन अभी भी जारी है। इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने कुछ समय पूर्व अधिकारियों को खनन माफिया पर सख्ती करने के आदेश दिए परंतु यह धंधा रुक नहीं रहा था। 6 मार्च को हैलीकाप्टर से करतारपुर की ओर जाते समय मुख्यमंत्री ने सतलुज क्षेत्र में अवैध खनन होता देखा तो इसे नजदीक से देखने के लिए उन्होंने पायलट से हैलीकाप्टर थोड़ा नीचे ले जाने को कहा और अवैध खनन होता देखकर उन्होंने तुरंत नवांशहर व जालंधर के डिप्टी कमिश्नरों व एस.एस.पी. को इसकी जांच तथा सामान कब्जे में लेने के आदेश दे दिए। 

उन्होंने पुलिस महानिदेशक सुरेश अरोड़ा को खनन विभाग तथा जिला प्रशासन से तालमेल करके व्यापक रणनीति बनाने के भी आदेश दिए जिसके बाद नवांशहर तथा जालंधर क्षेत्र में बड़े स्तर पर कार्रवाई शुरू हो गई। तेजी से कार्रवाई करते हुए नवांशहर पुलिस ने मलिकपुर गांव में 13 पोकलेन मशीनें, 4 जे.सी.बी. मशीनें, 2 मिट्टïी भरने वाली क्रेनें तथा 30 टिप्पर जब्त करके बुर्ज टहलदास, मंडाला, खोजे, मलिकपुर, लल्लेवाल तथा बैरसाल में बिना अनुमति खनन कर रहे 6 ठेकेदारों के विरुद्ध केस दर्ज कर दिया है। यह भी बताया जाता है कि ठेकेदार अपने ट्रकों में 25 टन की स्वीकृत क्षमता के विपरीत 60 टन रेत भर रहे थे और इस खनन के लिए ऐसी मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा था जिनके इस्तेमाल की अनुमति नहीं है। 

7 मार्च को राज्य के तीन जिलों में 39 लोगों पर केस दर्ज किए गए जिनमें से 27 लोगों को गिरफ्तार किया गया। लुधियाना में थाना मेहरबान के अंतर्गत गांव गढ़ी शेरू में छापेमारी के दौरान एक पोकलेन मशीन, 3 ट्रैक्टर-ट्रालियां, 1 टिप्पर, गांव सजादवाला में 3 पोकलेन मशीनें, एक जे.सी.बी. व 1 ट्रैक्टर-ट्राली जब्त की गई। इसी प्रकार पठानकोट के गांव अदालतगढ़ में रावी दरिया से सटे क्षेत्र में पोकलेन मशीन, जे.सी.बी. व 6 टिप्पर जब्त किए गए। राहों में भी 20 ड्राइवरों को गिरफ्तार किया गया परंतु ट्रकों के 6 ठेकेदार मौके से फरार हो गए। छापेमारी के दौरान ठेकेदार ऐसी जगहों से भी रेत निकालते पाए गए जो उन्हें अलाट नहीं किए गए थे और उन जगहों पर भी रेत निकाली जा रही थी जहां खनन को रोका जा चुका था। 

8 मार्च को राहों में एक जे.सी.बी. आप्रेटर गिरफ्तार किया गया जबकि पठानकोट में एक टिप्पर व जे.सी.बी. मशीन जब्त की गई। इस बीच जहां राज्य सरकार ने अवैध खनन पर रोक लगाने और समीक्षा के लिए एक कैबिनेट सब कमेटी गठित कर दी वहीं मुख्यमंत्री ने 8 मार्च को 14 जिलों के डिप्टी कमिश्नरों और पुलिस अधीक्षकों की बैठक बुलाई। इसमें उन्हें किसी तरह के दबाव में आए बिना रेत माफिया के विरुद्ध कार्रवाई करने और रेत खनन बारे मौजूदा नीति में संशोधन के लिए एक सप्ताह में सुझाव देने को कहा गया जिस पर जल्द ही संशोधित कानून लाया जाएगा क्योंकि मौजूदा कानून में कई त्रुटियां हैं जिसका फायदा खनन माफिया उठा रहा है। 

इस बारे हम मुख्यमंत्री से यही कहना चाहेंगे कि अब जबकि उन्होंने रेत माफिया के विरुद्ध संघर्ष छेड़ ही दिया है तो इसमें शामिल बड़ी मछलियां किसी भी हालत में बच कर निकलनी नहीं चाहिएं और वह इस अभियान को अब अंजाम तक पहुंचा कर ही छोड़ें।—विजय कुमार  

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