बाबा रामदेव ने कहा राजनीति में 99 प्रतिशत लोग बेईमान

Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Nov, 2017 12:28 AM

baba ramdev said 99 percent of people in politics are dishonest

योग गुरु बाबा रामदेव के बचपन ने उनके भविष्य के जीवन पर एक चिरस्थायी प्रभाव डाला। उनके अनुसार योग के माध्यम से ही उन्होंने अपने शरीर की पूर्ण सक्रियता प्राप्त की। बचपन में शिक्षा के दौरान उन्होंने एक प्रखर छात्र के रूप में अपना स्थान बनाया। उन्होंने...

योग गुरु बाबा रामदेव के बचपन ने उनके भविष्य के जीवन पर एक चिरस्थायी प्रभाव डाला। उनके अनुसार योग के माध्यम से ही उन्होंने अपने शरीर की पूर्ण सक्रियता प्राप्त की। 

बचपन में शिक्षा के दौरान उन्होंने एक प्रखर छात्र के रूप में अपना स्थान बनाया। उन्होंने मिट्टी के तेल से जलने वाले लैंप की रोशनी में अध्ययन किया। उनके पिता द्वारा खरीदी गई पुरानी पाठ्य पुस्तकें ही उनकी पठन सामग्री होती थी। गंगोत्री ग्लेशियर के निकट गुफा में साधना के दौरान उनकी मुलाकात अपने भविष्य के सहयोगियों आचार्य बालकृष्ण और आचार्य कर्मवीर के साथ हुई। सन् 1993 में बाबा रामदेव ने हिमालय छोड़ा और हरिद्वार आ गए। ये सन् 1995 में कृपालु बाग आश्रम के अध्यक्ष स्वामी शंकरदेव के शिष्य बन गए तथा दीक्षा प्राप्ति के बाद लोगों के बीच योग और इसके चिकित्सकीय लाभों के प्रचार-प्रसार का कार्य छोटे स्तर पर शुरू किया जो आज एक विशाल रूप धारण कर चुका है। 

आज एक योग प्रचारक के रूप में अपनी विशेष पहचान बना चुके योग गुरु बाबा रामदेव अपनी स्पष्टïवादिता के लिए प्रसिद्ध हैं और किसी का भी लिहाज किए बिना अपने दिल की बात खुल कर कह देते हैं। इसी स्पष्टïवादिता का प्रमाण देते हुए बाबा रामदेव ने 10 नवम्बर को रेवाड़ी के किशनगढ़-घासेड़ा गुरुकुल, जिसके वह अध्यक्ष हैं, में गुरुकुल महोत्सव के अवसर पर भाषण देते हुए भविष्य जानने का दावा करने वाले स्वनामधन्य बाबाओं और राजनीतिज्ञों बारे खुल कर विचार व्यक्त किए। उन्होंने लोगों को इनसे बचने की सलाह देते हुए कहा, ‘‘यदि कोई बाबा आपका भविष्य जानने का दावा करता है तो उसके जूते छिपा दीजिए और उससे कहिए कि क्या वह यह बता सकता है कि उन्हें कहां छिपाया गया है? उसे तो अपना भविष्य ही मालूम नहीं लेकिन वह आपका भविष्य बता कर मूर्ख बनाता है।’’ 

उन्होंने यह भी कहा कि ‘‘यदि लोगों ने वैज्ञानिक विचारधारा न अपनाई तो उन्हें राम रहीम जैसे बाबाओं द्वारा मूर्ख बनाया जाता रहेगा। चाहे राम रहीम हो या आसा राम सब चरित्र की बात है। यदि कोई संत सम्मान प्राप्त करना चाहता है तो उसे एक संत की भांति ही आचरण करना चाहिए।’’ ‘‘धर्म और आस्था के नाम पर पाखंड करना ठीक नहीं है। सभी पाखंडी बाबाओं तथा उनकी संतानों को आने वाले दिनों में बुरे दिन देखने होंगे। सरकार ढोंगी बाबाओं पर बैन लगाए।’’ इसके साथ ही राजनीति में फैली गंदगी के संबंध में अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि, ‘‘मैं न राजनीति में हूं, न राजनीति में था और न ही राजनीति में रहूंगा।’’ 

‘‘मेरा राजनीति में जाने का कोई इरादा नहीं है क्योंकि राजनीति में 99 प्रतिशत लोग बेईमान हैं लेकिन जहां कहीं भी मुझे मौका मिलेगा मैं भ्रष्टï राजनीतिज्ञों को बेनकाब करने में संकोच नहीं करूंगा और जीवन भर राजनीति से दूर रह कर लोगों की सेवा करूंगा लेकिन इसके बावजूद राजनीति में जब भी कोई बड़ी हलचल होगी तो मैं चुप नहीं बैठूंगा।’’ योग गुरु बाबा रामदेव का उक्त बयान किसी टिप्पणी का मोहताज नहीं है। ऐसी बातें वही व्यक्ति कह सकता है जो राजनीतिक पार्टियों और नेताओं के अति निकट रहा हो। 

एक व्यापारी होने के बावजूद बाबा रामदेव ने ये कड़वी बातें कहने की हिम्मत की है जिनके बारे में बहुत से लोगों का कहना है कि ये सच्चाई के काफी निकट हैं। उन्होंने पूरी स्पष्टïवादिता के साथ बाबाओं और राजनीतिज्ञों के एक वर्ग की कमजोरियां उजागर कर दी हैं। यहां यह बात भी उल्लेखनीय है कि किसी भी पार्टी की टिप्पणी बाबा रामदेव के उक्त बयानों के संबंध में अभी तक नहीं आई जिससे यह सिद्ध होता है कि जो कुछ उन्होंने कहा है वह सच ही है।—विजय कुमार 

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