Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Mar, 2018 03:07 AM
कांग्रेस से राजनीति शुरू करने वाले नरेश अग्रवाल ने बसपा, सपा से होते हुए अब भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। वह 1980 में कांग्रेस की टिकट पर पहली बार विधानसभा के सदस्य चुने गए। उसके बाद कांग्रेस से अलग होकर उन्होंने अपनी ‘लोकतांत्रिक कांग्रेस पार्टी’...
कांग्रेस से राजनीति शुरू करने वाले नरेश अग्रवाल ने बसपा, सपा से होते हुए अब भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। वह 1980 में कांग्रेस की टिकट पर पहली बार विधानसभा के सदस्य चुने गए। उसके बाद कांग्रेस से अलग होकर उन्होंने अपनी ‘लोकतांत्रिक कांग्रेस पार्टी’ बनाई। कुछ दिनों के बाद उसे छोड़ कर बसपा में शामिल हो गए और 2012 में बसपा छोड़ कर सपा में चले गए।
हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक बयान देने वाले और भगवानों की तुलना व्हिस्की और रम से करने वाले पूर्व सांसद नरेश अग्रवाल को भाजपा आई.टी. सैल द्वारा कुछ दिन पहले पाकिस्तान का प्रवक्ता करार दिया गया था। नरेश अग्रवाल ने कुछ ही समय पहले भाजपा को ‘संकीर्ण सोच वाली पार्टी’ करार दिया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जाति को लेकर भी आपत्तिजनक बयान देते हुए कहा कि अमित शाह हमारे समुदाय के हैं लेकिन नरेन्द्र मोदी तेली हैं। अब 12 मार्च को यही नरेश अग्रवाल समाजवादी पार्टी से नाता तोड़कर भाजपा में शामिल हो गए और अपने पहले ही भाषण में अभिनेत्री और राजनीतिज्ञ जया बच्चन के संबंध में आपत्तिजनक बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया।
भाजपा मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण करते हुए उन्होंने कहा कि सपा ने उनकी जगह फिल्मों में काम करने और नाचने वाली को राज्यसभा का टिकट दिया जिससे आहत होकर उन्होंने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया है। नरेश अग्रवाल ने कहा, ‘‘फिल्मों में काम करने वाली से मेरी हैसियत कम कर दी गई। यह फिल्मों में डांस करते अपना रोल करते, उनके नाम पर हमारा टिकट काटा गया। मैंने इसको बहुत उचित नहीं समझा। किसी ने भी इसको उचित नहीं समझा जबकि मैं एक सीनियर लीडर हूं।’’ नरेश अग्रवाल का उक्त बयान आते ही बवाल मच गया तथा अग्रवाल द्वारा भाषण खत्म करते ही भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा को यह कह कर मामला शांत करने की कोशिश करनी पड़ी कि पार्टी सभी का सम्मान करती है। अपने इस बयान को लेकर नरेश अग्रवाल चौतरफा घिर गए हैं। भाजपा की वरिष्ठï नेता तथा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इसे अस्वीकार्य करार दिया और कहा कि ‘‘जया बच्चन जी पर उनकी टिप्पणी अनुुचित है।’’
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी नरेश अग्रवाल की आलोचना करते हुए कहा कि ‘‘जब भी महिलाओं के सम्मान को चुनौती दी जाएगी, तब सभी को विचारधारा की लड़ाई छोड़ कर एकजुट हो जाना चाहिए। किसी भी महिला को अपमानित करने पर वे सभी विरोध करेंगी।’’ सुषमा स्वराज और स्मृति ईरानी के बाद भाजपा की एक अन्य नेता रूपा गांगुली ने भी इस पर एतराज जताते हुए कहा है कि ‘‘यह स्वीकार्य नहीं है। मैं जया बच्चन जी का सम्मान करती हूं। फिल्म इंडस्ट्री में जया बच्चन के योगदान पर मुझे गर्व है। यह भाजपा का नेतृत्व नहीं है।’’ भाजपा के पूर्व प्रवक्ता आई.पी. सिंह के अनुसार, ‘‘यह व्यक्ति राजनीतिक रूप से खत्म हो जाता और एक सुरूचिपूर्ण राजनीति होती लेकिन पार्टी ने सहारा देकर एक राक्षस को फिर से जीवित कर दिया है।’’
बसपा सुप्रीमो मायावती ने नरेश अग्रवाल की टिप्पणी को घोर महिला विरोधी बताते हुए कहा है कि ‘‘नरेश अग्रवाल को तुरन्त अपनी गलती मान कर देश से माफी मांगनी चाहिए। भाजपा के वरिष्ठï नेताओं के साथ प्रैस कांफ्रैंस में ऐसी महिला विरोधी टिप्पणी महिला जगत एवं देश को शॄमदा करने वाली है।’’ इसी प्रकार सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नरेश अग्रवाल की टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हुए इसे फिल्म जगत के साथ ही भारत की हर महिला का भी अपमान बताते हुए भाजपा और महिला आयोग से कड़ी कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि, ‘‘यदि भाजपा सचमुच नारी का सम्मान करती है तो उनके विरुद्ध तत्काल कदम उठाए।’’ नरेश अग्रवाल के बयान पर पलटवार करते हुए जया बच्चन ने कहा है कि ‘‘मैं बहुत जिद्दी महिला हूं और उनकी किसी बात का कोई जवाब नहीं दूंगी।’’
हालांकि बाद में नरेश अग्रवाल ने जया बच्चन के बारे में अपने बयान पर ‘खेद’ जताते हुए कहा है कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया परन्तु पत्रकारों द्वारा बार-बार माफी मांगने के सवाल पर भी उन्होंने माफी नहीं मांगी और उलटे पूछा, ‘‘खेद शब्द का मतलब समझते हैं आप?’’ यह वही नरेश अग्रवाल हैं जिनके द्वारा राज्यसभा में देवी-देवताओं पर की गई उनकी टिप्पणी के लिए भाजपा सांसदों ने एक स्वर में उनसे माफी की मांग की थी और भाजपा ने ही उन्हें ‘पाकिस्तान का प्रवक्ता’ करार दिया था, लेकिन अब जबकि यही नरेश अग्रवाल भाजपा में शामिल हो चुके हैं तो पार्टी उनके बयानों का औचित्य किस तरह सिद्ध कर पाएगी?—विजय कुमार