चंद पंचायतों के लोकहितकारी व प्रेरक निर्णय

Edited By ,Updated: 16 Oct, 2016 01:37 AM

chand panchayats and inspiring decision lokhitkari

जहां देश सीमाओं पर भारी बाहरी खतरे का सामना कर रहा है वहीं इसे विभिन्न घरेलू सामाजिक समस्याओं से भी जूझना पड़ रहा है जिनमें...

जहां देश सीमाओं पर भारी बाहरी खतरे का सामना कर रहा है वहीं इसे विभिन्न घरेलू सामाजिक समस्याओं से भी जूझना पड़ रहा है जिनमें जल प्रदूषण से बढ़ रहे कैंसर और अन्य रोगों, सड़कों पर घूमते आवारा पशुओं के परिणामस्वरूप होने वाली मौतें तथा अन्य दुर्घटनाएं, बिना हैलमेट वाहन चलाने के खतरे आदि शामिल हैं।

समाज में आ रही जागरूकता के चलते विभिन्न एन.जी.ओ. तथा पंचायतों ने पिछले कुछ समय से इस संबंध में सराहनीय काम करना शुरू किया है जिसके चंद उदाहरण निम्र हैं : 

नदियों में फैंके जाने वाले विषैले औद्योगिक कचरे और अन्य दूषित पदार्थों से देश के जल स्रोत खतरनाक हद तक प्रदूषित और जानलेवा होते जा रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कृष्नी, काली, ङ्क्षहडन तथा अन्य नदियों का पानी अत्यधिक विषाक्त हो जाने के कारण इन नदियों के किनारे बसे सैंकड़ों गांवों को कैंसर व अन्य गंभीर रोगों ने अपनी लपेट में ले लिया है। 

सहारनपुर, शामली और बागपत से लेकर मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद तथा नोएडा तक फैले क्षेत्र में पिछले 2 वर्षों के दौरान बड़ी संख्या में उक्त रोगों से लोगों की जान जा चुकी है। 

इसी को देखते हुए 11 अक्तूबर को बागपत के ‘दाहा’ गांव में ‘दोआबा पर्यावरण समिति’ नामक एन.जी.ओ. ने एक ‘जल पंचायत’ का आयोजन किया जिसमें 50 से अधिक गांवों के प्रधानों तथा विभिन्न गंभीर रोगों से पीड़ित लोगों ने भाग लेकर इस समस्या से निपटने में उत्तर प्रदेश सरकार की विफलता के विरुद्ध संघर्ष करने और जल स्रोतों में प्रदूषण रोकने के लिए यथासंभव उपाय करने की शपथ ली। 

सड़कों पर घूमते आवारा पशुओं की समस्या ने भी इन दिनों गंभीर रूप धारण कर रखा है जिनके कारण विभिन्न दुर्घटनाओं में लगातार लोगों की जान जा रही है। इसी समस्या को दृष्टिïगत रखते हुए हरियाणा के फतेहाबाद जिले के ‘डींगसारा’ गांव की पंचायत ने अपने यहां गौशाला बनाने के लिए जिला प्रशासन को 50 एकड़ भूमि देने का निर्णय लिया है। 

गांव की पंचायत के सदस्यों ने जिले के उपायुक्त से भेंट करके कहा कि पंचायत के पास 150 एकड़ भूमि है जिसमें से 50 एकड़ भूमि पर प्रशासन गौशाला बनाए तथा शेष 100 एकड़ भूमि पर पंचायत इनके लिए चारा उगाने के अलावा गोबर गैस प्लांट लगाएगी। गांव के सरपंच अशोक जाखड़ के अनुसार, ‘‘निश्चित रूप से इससे आवारा पशुओं के चलते होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आने से लोगों को राहत मिलेगी।’’ 

हालांकि ट्रैफिक नियमों के अनुसार दोपहिया वाहनों के सवारों के लिए हैलमेट का पहनना अनिवार्य है परंतु आमतौर पर लोग इस नियम का पालन नहीं करते जिस कारण दुर्घटना की स्थिति में वाहन चालक अथवा उसके पीछे बैठी सवारी की मृत्यु का खतरा बना रहता है।

इसी को देखते हुए हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के ‘डुगारी’ गांव में 12 अक्तूबर को विधायक पवन सैनी ने ‘जीओ जिंदगी’ नाम से एक अभियान आरंभ किया है जिसके अंतर्गत गांव वालों द्वारा पारित प्रस्ताव  द्वारा दोपहिया वाहनों के लिए हैलमेट पहनना तथा यातायात के अन्य नियमों का पालन करना अनिवार्य किया गया है।

ग्रामीणों द्वारा सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव के अनुसार इसका उल्लंघन करने वालों के लिए दंड के प्रावधान के अलावा ‘सैल्फी विद हैलमेट’ नामक एक प्रतियोगिता भी आरंभ की गई है जिसके अंतर्गत ‘जीओ जिंदगी’ के सदस्यों द्वारा हैलमेट के साथ सर्वश्रेष्ठï सैल्फी वाले व्यक्ति को पुरस्कृत किया जाएगा। इस अवसर पर आसपास के कुछ गांवों के सरपंच भी मौजूद थे और उन्होंने भी अपने यहां यह अभियान शुरू करने का निर्णय किया है। 

नि:संदेह ये ऐसे काम हैं जो हमारी सरकारों को करने चाहिएं परंतु उनके इसमें असफल रहने पर एन.जी.ओ. व पंचायतें ये काम करने के लिए आगे आ रही हैं जिसके लिए वे साधुवाद की पात्र हैं। 

यदि ये पग ईमानदारी से लागू किए जा सकें तो निश्चित ही इनसे जल प्रदूषण, आवारा पशुओं और दोपहिया वाहनों पर बिना हैलमेट सवारी के दुष्परिणामों से किसी सीमा तक बचा जा सकेगा। अन्य पंचायतों को भी इनसे प्रेरणा लेते हुए सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए इसी तरह के पग अपनाने चाहिएं।     

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!