केवल कठोर कानूनों से नहीं रुकेगा बाल यौन शोषण

Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Jul, 2017 09:51 PM

child sexual abuse will not only stop harsh laws

मानव मन का एक आश्र्चयजनक गुण है कि यह उन समस्याओं को भूल.....

मानव मन का एक आश्र्चयजनक गुण है कि यह उन समस्याओं को भूल जाता है जो बहुत कठिन हों या जिन्हें सुलझाना तकलीफदेह हो। समाज के लिए ‘इंकार’ की स्थिति में रहना सहज होता है। यही कारण है कि जब महिलाओं से बलात्कार होते हैं तो हम एक लम्बी खामोशी ओढ़ लेते हैं या एक-दूसरे पर दोषारोपण का खेल शुरू कर देते हैं जिसकी समाप्ति पीड़िता के परिधान या उस मनहूस घड़ी या उसके द्वारा स्थान के चुनाव पर ठीकरा फोड़ देने से होती है लेकिन जहां छोटे बच्चों का संबंध हो क्या भारतीय समाज ऐसा ही करेगा? 

दिल्ली के तैमूर नगर में एक 13 वर्षीय बच्ची अपने घर के बिल्कुल बगल में स्थित दुकान से आईसक्रीम खरीदने गई जहां से उसका अपहरण करने के बाद 12 से 13 लोगों ने उसका बलात्कार किया और जब सेना में ड्राइवर उसके पिता ने गुप्तचरों की सहायता से उसकी खोज पर भारी रकम खर्च करके उसे तलाशा उस समय वह बच्ची 3 महीने की गर्भवती थी। एक अन्य मामले में शुक्रवार को एक 11 वर्षीय बच्ची से एक पार्क में एक 40 वर्षीय डॉग ट्रेनर ने बलात्कार कर डाला। यह सोचना कि यह सब केवल लड़कियों तक ही सीमित है बिल्कुल गलत होगा। हाल ही में अपने घर के सामने स्थित पार्क में शाम के समय झूलों पर खेल रहे 2 बच्चों का अपहरण कर लिया गया और उनसे कुकर्म करने के बाद उन्हें खेल के मैदान में ही निर्वस्त्र छोड़ कर अपराधी भाग गए। 

शायद अब यह अपरिहार्य हो गया है कि बच्चों को अकेला न छोड़ा जाए और जब भी वे खेलने या पास-पड़ोस में सामान आदि लेने जाएं तो उनके साथ माता या पिता में से कोई उसके साथ अवश्य हो। यहां तक कि बच्चों के साथ जाने वाले नौकर और नौकरानियां भी सदा भरोसेमंद  सिद्ध नहीं हो सकते हैं। हालांकि सरकार ने बाल अश£ीलता (चाइल्ड पोर्नोग्राफी) तथा भारत में बच्चों के ऑनलाइन दैहिक शोषण की समस्याओं से निपटने के लिए इंटरपोल और इंटरनैट वाच फाऊंडेशन (आई.डब्ल्यू.एफ.) जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ हाथ मिलाया है और अभी तक 3522 ऐसी साइटें पिछले 4 महीनों में सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद बंद भी की जा चुकी हैं, परंतु समाज में मौजूद ‘बाल उत्पीड़क’ अक्सर परिवार तथा मित्रमंडली के भीतर ही मौजूद होते हैं। हालांकि 2012 के बाल संरक्षण अधिनियम में कठोर सजाओं का प्रावधान है परन्तु अधिकतर अभिभावक पुलिस के पास रिपोर्ट ही नहीं करते। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!