मतदान का अंतिम चरण सम्पन्न अब चुनाव परिणामों का इंतजार शुरू

Edited By ,Updated: 08 Mar, 2017 10:23 PM

final phase of voting ends  waiting for results now

देश में पांच राज्यों के हो रहे चुनावों के सिलसिले में मतदान का अंतिम चरण 8 मार्च को....

देश में पांच राज्यों के हो रहे चुनावों के सिलसिले में मतदान का अंतिम चरण 8 मार्च को सम्पन्न हो गया। इसके अंतर्गत उत्तर प्रदेश में 40 और मणिपुर में 22 सीटों के लिए मतदान हुआ। निम्र में दर्ज हैं इन चुनावों के लिए मतदान का अंतिम चरण समाप्त होने तक की चंद विशेष बातें :

पांचों राज्यों में प्रचार अभियान के दौरान सबसे अधिक जोर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पर लगाया। राजनीतिक प्रेक्षकों का कहना है कि यदि यहां भाजपा हारी तो नरेन्द्र मोदी की प्रतिष्ठा को भारी आघात लगेगा। यही कारण है कि नरेन्द्र मोदी ने तीन दिनों में धुआंधार यात्राएं करते हुए वहां 24 रैलियों को संबोधित किया। भाजपा के स्टार कैम्पेनर नरेन्द्र मोदी के अलावा वाराणसी तथा आसपास के विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार के लिए भाजपा ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह तथा अपने केंद्रीय मंत्रियों की पूरी फौज झोंक दी और वहां कम से कम 19 केंद्रीय मंत्रियों ने चुनाव सभाओं को संबोधित किया। 

इन चुनावों में भी कुछ  दिलचस्प किस्म के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं फौजदारी मुकद्दमों के वकील और कवि नरेन्द्र नाथ दुबे जिन्हें उनके प्रशंसक ‘अडिग’ कह कर बुलाते हैं। 1984 से चुनाव लड़ते आ रहे श्री ‘अडिग’ विधानसभा, विधान परिषद और संसद के चुनाव सहित लगभग हर चुनाव लड़ कर हार चुके हैं और हर बार उनकी जमानत जब्त होती है। उनका कहना है कि ‘‘मैंने इस बात का कोई हिसाब नहीं रखा है कि मैं कितनी बार हार चुका हूं परन्तु मैं आशावादी हूं।’’ 

उनकी पार्टी का नाम है ‘राष्ट्रीय मानव अधिकार रक्षा समिति’ और इस बार वह ‘राम राज्य पार्टी’ नामक पार्टी के समर्थन के साथ वाराणसी उत्तर और वाराणसी दक्षिण दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं। 

अखिलेश यादव ने अपना चुनाव प्रचार ‘रथ’ चंडीगढ़ से बनवाया है जिसमें विभिन्न युद्ध नायकों और पारम्परिक रथों आदि के चित्र लगे हुए हैं। यह रथ वास्तव में एक ‘मर्सिडीज़ बैंज’ बस है। इस ‘रथ’ में तरह-तरह के आधुनिक उपकरणों के अलावा एक 10 फुट की हाईड्रॉलिक लिफ्ट भी लगी हुई है जिसकी सहायता से वह एकत्रित भीड़ का बेहतर जायजा ले सकते हैं।

इस रथ में 15 लोगों के बैठने योग्य एक मंच भी बनाया गया है तथा 6 मास पूर्व इस बस के लखनऊ पहुंचने के बाद से अखिलेश इसमें सवार होकर आधा दर्जन से अधिक रोड शो कर चुके हैं। अखिलेश इसे अपने लिए बहुत ‘लक्की’ मानते हैं और उनके अनुसार, ‘‘यह रथ बनाने वाले के बारे में सबसे बढिय़ा बात यह है कि वह जिसका भी रथ बनाता है सरकार उसी की बनती है। मैंने 2012 में भी उसी से ही रथ बनवाया था।’’ चुनावों के दौरान बेहिसाबी रकमों की बरामदगी और मतदाताओं को तोहफे तथा रकमें बांटने का सिलसिला मतदान के अंतिम चरण तक जारी रहा और उत्तर प्रदेश के भदोही में 7 मार्च को भी भाजपा प्रत्याशी रविन्द्र नाथ त्रिपाठी को मतदाताओं को पैसे बांटते पकड़ा गया। 

इन चुनावों में जहां सभी दल अपनी-अपनी विजय के दावे कर रहे हैं वहीं ए.आई.एम.आई.एम. के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भविष्यवाणी की है कि इन चुनावों में सपा और भाजपा दोनों को हार का सामना करना पड़ेगा। इन चुनावों में ‘नोटबंदी’ एक बड़ा मुद्दा रहा और इन चुनावों के परिणामों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की केंद्रीय सरकार के आधे कार्यकाल पर देश के एक बड़े हिस्से के मतदाताओं द्वारा फतवे के रूप में देखा जाएगा और इसमें भाजपा फेल होगी या पास इसका पता 11 मार्च को ही चलेगा।                                                                                                                —विजय कुमार

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!