हिमाचल में बढ़ने लगीं बलात्कार और नशाखोरी की घटनाएं

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jul, 2017 10:32 PM

incidents of rape and abduction rampant in himachal

देवभूमि हिमाचल प्रदेश अन्य राज्यों की तुलना में शांत माना जाता था परंतु अब कुछ......

देवभूमि हिमाचल प्रदेश अन्य राज्यों की तुलना में शांत माना जाता था परंतु अब कुछ वर्षों से यहां भी अन्य प्रदेशों की भांति ही कानून व्यवस्था में गड़बड़, नशाखोरी, बलात्कार आदि की घटनाएं सामने आने लगी हैं। प्रदेश की उत्तरी रेंज कांगड़ा, चम्बा और ऊना जिलों में मार्च, 2017 तक पिछले 2 वर्षों में दुष्कर्म के 159 मामले सामने आए हैं। 

25 जुलाई, 2016 को मनाली के निकट हिमाचल घूमने आई एक 25 वर्षीय इसराईली महिला से सामूहिक बलात्कार किया गया। कुल्लू जिले में चार वर्षों में बलात्कार की शिकार होने वाली यह तीसरी विदेशी महिला है। 21 फरवरी, 2017 को सोलन जिले के बद्दी इलाके में एक 19 वर्षीय किशोर ने एक 7 वर्षीय बच्ची को बहला-फुसला कर उसका अपहरण कर लिया। उसने बच्ची को सुनसान जगह पर ले जाकर जबरदस्ती शराब पिलाकर बेहोश करने के बाद उसके साथ बलात्कार कर डाला और फिर गला घोंट कर उसकी हत्या करके लाश को जंगल में फैंक दिया। 

01 मई को जिला कुल्लू के भुंतर कस्बे में एक 8 वर्षीय बच्ची की हत्या के बाद उसका शव ब्यास नदी के किनारे पड़ा पाया गया। बताया जाता है कि पुलिस ने इस संबंध में बलात्कार और हत्या का केस दर्ज किया था परंतु आरोपी अभी भी खुले घूम रहे हैं। 16 जून को धर्मशाला पुलिस ने छात्रों को नशे की दवाई सप्लाई करने वाले रिटायर्ड डाक्टर को नगरोटा बगवां क्षेत्र से गिरफ्तार करके उसके कब्जे से भारी मात्रा में नशीली दवाएं बरामद कीं जिनमें 940 कैप्सूल, 53 इंजैक्शन और पीने वाली 107 नशे की बोतलें शामिल हैं। 26 जून को चम्बा में एक महिला का निर्वस्त्र शव मिला। और इन दिनों हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले की कोटखाई तहसील के शिरगुली गांव की 10वीं कक्षा की छात्रा के 4 जुलाई को स्कूल से लापता होने और 6 जुलाई को दांदी के जंगल में नग्न अवस्था में निर्मम गैंग रेप और हत्या के बाद उसका शव बरामद होने से जनरोष शिखर पर है। 

पुलिस द्वारा 6 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद भी जनरोष शांत नहीं हुआ है। विभिन्न स्थानों पर हजारों प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर उतर कर तोडफ़ोड़ करने के अलावा बड़ी संख्या में वाहनों को आग के हवाले कर दिया और गुडिय़ा के लिए न्याय मांगते हुए सड़कों पर उतर कर चक्का जाम किया। इस बीच मंगलवार 18 जुलाई की आधी रात को इस केस के प्रत्यक्षदर्शी गवाह और कथित रूप से सरकारी गवाह बनने के लिए तैयार आरोपी सूरज की उसके साथी आरोपी राजेंद्र उर्फ राजू द्वारा हत्या से आक्रोशित भीड़ ने कोटखाई पुलिस थाने पर हमला व पथराव किया जिसमें एक ए.एस.पी. सहित 4 पुलिस कर्मचारी घायल हो गए। भीड़ इतने क्रोध में थी कि घायल पुलिस कर्मचारियों को अस्पताल पहुंचाने में भी पुलिस को भारी मशक्कत का सामना करना पड़ा। 

क्रुद्ध प्रदर्शनकारियों ने हटकोटी थियोग और भारत-तिब्बत राजमार्ग पर कई घंटों तक जाम भी लगाया जिस कारण सैंकड़ों लोग जाम में फंस गए। 20 जुलाई को आरोपी की हत्या के विरोध में शिमला बंद रहा तथा विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन और घेराव किया गया। इस कांड के विरुद्ध कोटखाई, थियोग, गुमा और शिमला आदि में क्रुद्ध लोगों द्वारा रोज प्रदर्शन किए जा रहे हैं और वास्तविक अपराधियों को गिरफ्तार करने की मांग की जा रही है। प्रदेश सरकार ने पहले ही सी.बी.आई. को इस केस की जांच करने के लिए कह दिया था और अब हिमाचल हाईकोर्ट ने भी सी.बी.आई. को इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं। कुल मिलाकर इस समय अपराधों की गिरफ्त में आकर हिमाचल प्रदेश अशांत हो रहा है। अब जबकि वर्षांत तक प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं, सरकार ऐसी घटनाओं को फौलादी हाथों से रोकने की कोशिश करे ताकि इसकी छवि को आघात न पहुंचे।—विजय कुमार 

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