पाकिस्तान आतंकवादियों को प्रोत्साहन देकर ‘घर फूंक तमाशा देख रहा है’

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Jul, 2017 10:13 PM

pakistan encourages terrorists to see a funky look

पाकिस्तान के शासक शुरू से ही भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अनेक आतंकवादी....

पाकिस्तान के शासक शुरू से ही भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अनेक आतंकवादी और अलगाववादी गिरोहों को लगातार शरण, प्रोत्साहन और आर्थिक सहायता देते आ रहे हैं। 

इसका नवीनतम प्रमाण यह है कि इस वर्ष मई में 3 अलगाववादी नेताओं द्वारा कश्मीर घाटी में आतंक फैलाने के लिए पाकिस्तान की गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई. और आतंकवादी संगठनों से धन मिलने की बात स्वीकार करने के बाद 24 जुलाई को भारत की राष्ट्रीय जांच एजैंसी (एन.आई.ए.) ने टैरर फंडिंग केस में जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता सईद अली शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ सहित 7 अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है। एक ओर पाकिस्तान सरकार कश्मीर घाटी में सक्रिय अलगाववादियों और आतंकवादियों को सहायता देकर यहां रक्तपात और खून-खराबा करवा रही है तो दूसरी ओर पाकिस्तानी सेनाएं भी लगातार युद्ध विराम का उल्लंघन कर रही हैं और इस वर्ष 22 जुलाई तक 250 से अधिक युद्ध विराम उल्लंघन कर चुकी हैं। 

चीन तथा कुछ छिटपुट इस्लामी देशों को छोड़ कर लगभग समूचा विश्व पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देना छोडऩे के लिए दबाव डाल रहा है परंतु पाकिस्तानी सरकार और वहां की सेना पर इसका कोई प्रभाव पड़ता दिखाई नहीं दे रहा। इसी कारण अमरीका ने 26 जून को कुख्यात पाकिस्तानी आतंकी सलाहुद्दीन को अमरीका की प्रतिबंधित सूची में डाल दिया है। अब 19 जुलाई को अमरीका ने पाकिस्तान को ‘आतंकवाद के पनाहगाह’ देशों की सूची में डालते हुए यह आरोप लगाया है कि वह लश्कर और जैश जैसे आतंकवादी गिरोहों को फलने-फूलने का मौका देकर उन्हें विश्व भर में आतंक मचाने में सहायता दे रहा है। अफगानिस्तान में नरसंहार कर रहे तालिबान के विरुद्ध भी उसने कोई पग नहीं उठाया। इसी कारण अमरीका ने उसे वर्ष 2016 के ‘गठबंधन समर्थन कोष’ से 35 करोड़ डालर की सहायता की अदायगी न करने का निर्णय लिया है। 

जहां तक पाकिस्तान के सर्वाधिक घनिष्ठï सहयोगी चीन का संबंध है, पाकिस्तान में चल रही आतंक की फैक्टरियों की आंच अब उस तक भी पहुंचने लगी है। 2009 तथा 2011 में अधिकृत कश्मीर के निकट चीन के जगजियांग प्रांत में भीषण दंगों में 225 लोगों की हत्या में संलिप्त आतंकवादियों को पाकिस्तान में प्रशिक्षण की पुष्टिï होने पर चीन के राष्ट्रपति हू-जिन-ताओ ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति जरदारी को फोन करके इस पर चिंता जताई थी। चीन सरकार ने अब इस क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियां देखते हुए इस वर्ष देश के मुस्लिम बहुल इलाकों में वहां की स्थानीय आबादी पर विभिन्न प्रतिबंध लगाकर यह इलाका मुसलमानों के लिए ‘खुली जेल’ में तबदील कर दिया है। जहां पाकिस्तान आतंकवाद-अलगाववाद को बढ़ावा देकर इस समूचे क्षेत्र का शांत वातावरण भंग कर रहा है वहीं पाकिस्तान के पाले हुए आतंकवादी उसके अस्तित्व के लिए भी खतरा बन गए हैं। 

23 जून को क्वेटा स्थित आई.जी. पुलिस कार्यालय के निकट जबरदस्त बम धमाके में 5 लोगों की मृत्यु और अनेक लोग घायल हो गए। इसी दिन खुर्रम एजैंसी के परचिनार शहर में सिलसिलेवार बम धमाकों में कम से कम 44 लोगों की मृत्यु तथा 140 घायल हो गए। 10 जुलाई को ब्लूचिस्तान प्रांत के चमन इलाके में ईदगाह चौक पर बम धमाके में एक सीनियर पुलिस अधिकारी सहित 11 लोगों की मृत्यु हो गई। 17 जुलाई को हयाताबाद इलाके में सुबह-सवेरे बम विस्फोट में 2 पुलिस कर्मचारी मारे गए और 2 वाहन तबाह हो गए। और अब 24 जुलाई को लाहौर शहर में पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ के कार्यालय एवं आवास के निकट एक शक्तिशाली बम विस्फोट में अनेक पुलिस कर्मियों सहित 26 लोगों की मृत्यु तथा 30 अन्य घायल हुए। 

इसी दिन पड़ोसी अफगानिस्तान के काबुल में एक बस पर हमले में 35 लोगों की मृत्यु और 40 से अधिक लोग घायल हो गए। इन दोनों ही हमलों की जिम्मेदारी तालिबान ने ले ली है और ये दोनों ही आत्मघाती हमले थे। स्पष्टï है कि आतंकवाद को बढ़ावा देने से न सिर्फ विश्व समुदाय में पाकिस्तान की प्रतिष्ठा गिर रही है बल्कि उसके पाले हुए आतंकवादियों ने पाकिस्तान के आसपास के देशों का माहौल बिगाडऩे के साथ-साथ अब उसे भी डसना शुरू कर दिया है जिस कारण पाकिस्तान अब ‘स्नेक कंट्री’ भी कहलाने लगा है। अत: जितनी जल्दी पाकिस्तान सरकार आतंकवादियों को नकेल डालेगी इस क्षेत्र के अशांत वातावरण का सुधार होगा तथा यहां शांति एवं खुशहाली के नए अध्याय की शुरूआत होगी।—विजय कुमार 

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