आर.एस.एस. के विंग भारतीय मजदूर संघ द्वारा सरकार की आलोचना

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Oct, 2017 10:09 PM

rss  criticism of the government of k wing indian mazdoor sangh

जहां नोटबंदी और जी.एस.टी. को नरेंद्र मोदी नीत भाजपा सरकार ने काले धन और जाली करंसी की समाप्ति तथा टैक्स प्रणाली को सरल बनाने की दिशा में बहुत बड़े सुधार करार दिया, वहीं चंद वरिष्ठï भाजपा नेताओं यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा ...

जहां नोटबंदी और जी.एस.टी. को नरेंद्र मोदी नीत भाजपा सरकार ने काले धन और जाली करंसी की समाप्ति तथा टैक्स प्रणाली को सरल बनाने की दिशा में बहुत बड़े सुधार करार दिया, वहीं चंद वरिष्ठï भाजपा नेताओं यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा व अरुण शौरी आदि तथा भाजपा के सबसे पुराने सहयोगी दलों में से एक ‘शिवसेना’ ने इनकी आलोचना करते हुए इन्हें आम लोगों तथा कारोबारियों की परेशानियों के लिए जिम्मेदार बताया।

अब हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) के श्रमिक विंग ‘भारतीय मजदूर संघ’ (बी.एम.एस.) ने भाजपा नीत एन.डी.ए. सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए इस पर कांग्रेस के नेतृत्व वाली पिछली यू.पी.ए. सरकार की नीति निर्माण प्रक्रिया को जारी रखने का आरोप लगाया है।

‘भारतीय मजदूर संघ’ के अध्यक्ष साजी नारायण ने एक साक्षात्कार में कहा कि ‘‘इसके परिणामस्वरूप देश में ऐसा माहौल पैदा हो गया है जिसमें रोजगार के नए अवसर पैदा नहीं हो रहे और अर्थव्यवस्था मंदी का शिकार हो गई है।’’ 5000 से अधिक सम्बद्ध संघों के प्रतिनिधित्व का दावा करने वाले ‘भारतीय मजदूर संघ’ ने केंद्रीय भाजपा सरकार की आर्थिक नीति की कड़ी आलोचना करते हुए दावा किया है कि इससे न तो रोजगार पैदा हुए हैं और न ही स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा मिला है।

‘भारतीय मजदूर संघ’ के अध्यक्ष साजी नारायण का कहना है कि देश के नीति निर्माण में आम आदमी की भागीदारी आज उसी तरह गायब है जैसे कांग्रेस के नेतृत्व वाली यू.पी.ए. सरकार में थी। उन्होंने कहा, ‘‘जनता की नाराजगी के कारण यू.पी.ए. सरकार ने कुछ सुधारों को कूड़ेदान में फैंक दिया था परंतु इस सरकार ने यह कहते हुए इन्हें उठा लिया कि ये इसके अपने सुधार हैं जबकि वास्तविकता यह है कि वर्तमान ‘सुधार’ यू.पी.ए. के सुधारों का ही विस्तार हैं। यही कारण है कि आर्थिक और श्रमिक सुधारों के मामले में यह सरकार भी ‘यू.पी.ए.’ ही है।

बहरहाल, श्री साजी नारायण ने पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा द्वारा सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना को खारिज कर दिया और कहा कि वर्तमान बुराइयां उन नीतियों का ही विस्तार हैं, जिसमें वह भी एक सह-अभियुक्त हैं।’’ भारतीय मजदूर संघ इस बात को लेकर नाराज है कि सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’ तथा ‘स्किल इंडिया’ जैसी योजनाएं रोजगार और उद्यमी पैदा करने के उद्देश्य से शुरू की थीं परन्तु उसने रोजगार बढ़ाने के लिए कुछ नहीं किया।

हालांकि सरकार जी.डी.पी. के आंकड़ों के आधार पर वित्तीय स्थिति में सुधार की आशावान है परन्तु भारतीय मजदूर संघ इससे संतुष्ट नहीं लगता। इसी कारण इसने सरकार के ‘ङ्क्षथक टैंक’ नीति आयोग को पुनर्गठित करने और विकास के पैमाने की पुन: जांच करने की सलाह दी है।

श्री साजी नारायण का यह भी कहना है कि ‘‘दिल्ली में बैठे नीति निर्माता यह बात भूल गए हैं कि भारत के सभी मुख्य रोजगार पैदा करने वाले क्षेत्र लिबरलाइजेशन, प्राइवेटाइजेशन तथा ग्लोबलाइजेशन (उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण) सुधारों के चलते धराशायी स्थिति में हैं। अत: हमारा मुख्य ध्यान इन श्रम केंद्रित सैक्टरों को पुनर्जीवित करने की ओर होना चाहिए।’’

इसी पृष्ठभूमि में सरकार की ‘श्रमिक विरोधी नीतियों’ के विरुद्ध उसका ध्यान दिलाने के लिए ‘भारतीय मजदूर संघ’ 17 नवम्बर को संसद की ओर कूच का आयोजन करने जा रहा है। आज जिस प्रकार अनेक लोग मोदी सरकार की नीतियों की खुली आलोचना कर रहे हैं, उसे देखते हुए भारतीय मजदूर संघ के नेता के उक्त कथन का महत्व बहुत बढ़ जाता है। इस पर भाजपा नेतृत्व को अवश्य ही विचार करके उनके द्वारा रेखांकित त्रुटियां दूर करने की आवश्यकता है।

—विजय कुमार
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!