‘आवारा कुत्तों के काटने से’ लगातार हो रही ‘मौतें’

Edited By ,Updated: 04 Mar, 2017 11:26 PM

stray dogs continued to bite deaths

विश्व में सबसे अधिक लोग भारत में ही आवारा कुत्तों के काटने के शिकार.....

विश्व में सबसे अधिक लोग भारत में ही आवारा कुत्तों के काटने के शिकार होते हैं और यहां इनकी लगातार बढ़ रही संख्या बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है। इनसे होने वाली भयानक बीमारी ‘रैबीज’ से विश्व भर में होने वाली मौतों में से 36 प्रतिशत मौतें अकेले भारत में ही होती हैं। ‘रैबीज’ के ज्यादा केस आवारा कुत्तों के काटने से ही होते हैं। यदि ‘रैबीज’ का वायरस व्यक्ति की केंद्रीय स्नायु प्रणाली में प्रवेश कर जाए तो इससे पैदा संक्रमण लगभग असाध्य होता है और रोगी की बहुत ही दर्दनाक मौत होती है।

आवारा कुत्तों व ‘रैबीज’ के खतरे की ओर केंद्र सरकार का ध्यान दिलाने  के लिए गत वर्ष 19 मार्च को एक एन.जी.ओ. ने ‘स्ट्रे डॉग फ्री मूवमैंट’ (एस.डी.एफ.एम.) नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर सत्याग्रह भी किया था परंतु इसका कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया। कुत्तों के काटने का शिकार सिर्फ आदमी ही नहीं बल्कि मवेशी तक हो रहे हैं और यहां प्रस्तुत हैं हाल ही में कुत्तों द्वारा काटे जाने की चंद घटनाएं : 

22 जनवरी को महाराष्ट के औरंगाबाद जिले में कुत्तों के काटने से संक्रमित हुई गाय का दूध पीने से 80 लोग बीमार हो गए। 23 जनवरी को मुम्बई में दक्षिण भारतीय फिल्मों की अभिनेत्री पारूल यादव पर आवारा कुत्तों ने हमला करके उसे बुरी तरह घायल कर दिया। 16 फरवरी को बीकानेर के देशनोक में कुत्तों ने 41 भेड़ें मार डालीं। 17 फरवरी को कुत्तों ने तरनतारन के गांव कैरोंवाल में एक 4 वर्षीय बालक मनिंद्र सिंह मन्नू को नोच-नोच कर मार डाला और 18 फरवरी को पटियाला में एक बच्ची को गंभीर रूप से घायल कर दिया। 19 फरवरी को कस्बा श्री गोइंदवाल में भी एक व्यक्ति कुत्तों का शिकार बना और बरेली के खतौला गांव में एक 10 वर्षीय बच्ची को मार डाला। 23 फरवरी को बरेली के निकट ही छितौनिया गांव में एक ही दिन के भीतर आवारा कुत्तों ने 2 वर्षीय बच्चे और 19 वर्षीय युवती सहित 3 लोगों को काटा। 

24 फरवरी के दिन बरेली के निकट बहेड़ी कस्बे में आवारा कुत्तों ने एक 6 वर्षीय बच्चे पर हमला करके उसकी जान ले ली। 02 मार्च को किशनगंज के कलियागंज में बाइक से गिरे व्यक्ति पर 6-7 आवारा कुत्तों ने हमला करके उसे बुरी तरह घायल कर दिया। 02 मार्च को ही तरनतारन के निकटवर्ती गांव सरहालीकलां में 5 वर्षीय बच्चे कर्णवीर पर आवारा कुत्ते ने हमला करके उसका सिर और कान नोच खाए। तरनतारन अस्पताल में बच्चे के मुंह और सिर पर लगाने के लिए सीरम भी उपलब्ध नहीं था जिस कारण बच्चे को सिविल अस्पताल अमृतसर रैफर करना पड़ा। 

03 मार्च को बुरहानपुर में एक ही दिन में आवारा कुत्तों के काटने से एक पुलिस जवान सहित 22 लोग घायल हो गए। आवारा कुत्तों ने एक मंदिर में घुस कर पूजा कर रहे पुजारी को भी काट खाया। बुरहानपुर में 10 दिनों के भीतर आवारा कुत्तों ने 100 से अधिक लोगों को अपना शिकार बनाया। एक रिपोर्ट के अनुसार ‘एनिमल बर्थ कंट्रोल (डॉग) नियम 2001’ में बताया गया है कि इस समस्या का एकमात्र हल ‘कुत्तों की नसबंदी व टीकाकरण’ लागू करने में स्थानीय निकायों के असफल रहने से यह कार्यक्रम पूरी तरह फेल हो चुका है और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने भी स्वीकार किया है कि ‘‘इनके नसबंदी आप्रेशन संबंधी प्रयास अपर्याप्त हैं।’’ 

अत: उक्त नियमों में यथाशीघ्र संशोधन करने की आवश्यकता है। ज्यादातर मामलों में सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए इंजैक्शन उपलब्ध नहीं होते जिसके कारण या तो पीड़ित इलाज से वंचित रह जाता है और या फिर उसे प्राइवेट दुकानों से बहुत महंगे दामों पर ये इंजैक्शन खरीदने पड़ते हैं। कई बार तो इंजैक्शन न खरीद पाने या इंजैक्शन मिलने में देरी से समय पर चिकित्सा न होने के कारण पीड़ित की अकाल मृत्यु भी हो जाती है। 

अत: देश में इस दिशा में प्रयास तेज करने की आवश्यकता है। जब तक केंद्र और राज्य सरकारें कुत्तों की बढ़ती संख्या और उनके काटने से होने वाली अकाल मौतों पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कार्रवाई नहीं करेंगी तब तक इस समस्या से मुक्ति मिल पाना मुश्किल है और इस स्थिति में आवारा कुत्तों के काटने से होने वाली मौतें लगातार बढ़ती ही जाएंगी।    

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!