पहले देश को गजनी, गौरी और अंग्रेजों ने लूटा तथा अब उद्योगपति लूट रहे हैं: शांता कुमार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Feb, 2018 03:19 AM

the country is now looting industrialists

लगभग एक महीने के भीतर देश में 2 बड़े बैंक घोटाले उजागर हुए। देश के दूसरे सबसे बड़े राष्ट्रीयकृत बैंक पंजाब नैशनल बैंक के साथ 11,400 करोड़ रुपए के ऋण घोटाले, जोकि कुछ बैंकरों तथा सरकारी अधिकारियों के अनुसार 20,000 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है, में...

लगभग एक महीने के भीतर देश में 2 बड़े बैंक घोटाले उजागर हुए। देश के दूसरे सबसे बड़े राष्ट्रीयकृत बैंक पंजाब नैशनल बैंक के साथ 11,400 करोड़ रुपए के ऋण घोटाले, जोकि कुछ बैंकरों तथा सरकारी अधिकारियों के अनुसार 20,000 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है, में शामिल मुख्य आरोपी ‘फायर स्टार डायमंड्स’ का मालिक नीरव मोदी देश छोड़ कर जा चुका है जबकि एक अन्य आरोपी ‘गीतांजलि जैम्स’ का मालिक मेहुल चोकसी भी भारत से बाहर है। 

इस घोटाले को लेकर उठा तूफान अभी थमा भी नहीं था कि ‘रोटोमैक पैन कम्पनी’ के मालिक प्रसिद्ध उद्योगपति विक्रम कोठारी द्वारा विभिन्न बैंकों को करोड़ों का चूना लगाने का समाचार आ गया। आज जबकि हर ओर बड़े व्यवसायियों द्वारा बैंक अधिकारियों की मिली-भगत से अरबों रुपए इधर से उधर किए जा रहे हैं, मुझे इंदिरा गांधी के शासनकाल में 1975-76 के दौरान बैंकों द्वारा गरीबों को रिक्शा खरीदने के लिए शुरू करवाए गए ऋण देने के अभियान की याद आ रही है। 

जिन दिनों यह अभियान शुरू किया गया था, स्टेट बैंक आफ इंडिया जालंधर, जहां हमारा अकाऊंट था, के ब्रांच मैनेजर हमारे पास आए और 200-250 रिक्शा चालकों को रिक्शा खरीदने के लिए दिए जाने वाले ऋण वितरण समारोह में आने के लिए मुझे तथा बड़े भाई रमेश जी को निमंत्रित किया। हम समारोह में गए जहां भारी रौनक और खुशी भरे माहौल के बीच ऋण बांटा गया और बाद में जब हम लोग चाय पर बैठे तो मैंने बैंक मैनेजर के समक्ष आशंका जाहिर करते हुए कहा कि क्या ये पैसे वापस आ जाएंगे? इस पर उन्होंने कहा कि ये पैसे तो वापस आ जाएंगे अलबत्ता ‘बड़े’ लोगों को दिया हुआ ऋण वापस आना मुश्किल होता है।

यह तो उन दिनों की बात है जब बैंकों में धोखाधड़ी के छिटपुट मामले ही सामने आते थे परंतु आज तो पूरी तरह से हालात बिगड़ चुके हैं। एक ओर जहां गरीब और आम लोग ईमानदारी भरा जीवन जी रहे हैं तथा बैंकों का ऋण न चुका पाने की ‘शॄमदगी’ में किसान आत्महत्याएं कर रहे हैं, तो दूसरी ओर समाज के तथाकथित प्रभावशाली और उच्च वर्ग से संबंधित चंद हाई प्रोफाइल लोग बैंकों का धन हड़प रहे हैं। इसी बारे वरिष्ठï भाजपा नेता श्री शांता कुमार ने एक बयान में यही बात कही है कि, ‘‘आज ऋण के बोझ तले दबे किसान तो आत्महत्याएं कर रहे हैं जबकि व्यापारी सार्वजनिक बैंकों का पैसा लेकर विदेश भाग रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आश्वासन दिया था कि इस प्रकार के ऋण लोगों को नहीं दिए जाएंगे लेकिन सच्चाई इससे भिन्न है तथा मुगलों और अंग्रेजों की तरह देश को लूटने का रुझान अभी भी जारी है।’’ 

‘‘लम्बे समय तक भारत को गजनी, गौरी तथा अंग्रेजों ने लूटा और अब देश के उद्योगपति आधुनिक दौर के गजनी और गौरी बन गए हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि पहले हमारी सम्पदा लूटने वाले अजनबी थे, अब हमारी अपनी सरकार इसकी अनुमति दे रही है जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है।’’ ‘‘फसल न होने पर किसान ऋण न चुका पाए तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाती है लेकिन बिजनैस टायकूनों के मामले में ऐसा नहीं किया जा रहा। अभी तक ऋण के कारण 3 लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं परंतु करोड़ों रुपए लेकर विदेश भाग जाने वालों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।’’ ‘‘स्वतंत्रता के 70 वर्ष बाद भी देश को लूटने का रुझान पहले जैसा ही है। लोग वही हैं सिर्फ शोषण करने वालों के चेहरे बदल गए हैं। चंद बिजनैस टायकूनों ने नियमों की उपेक्षा और अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से भारी ऋण लिए।’’ 

‘‘इन ऋणों तथा सरकार द्वारा डिफाल्टरों के विरुद्ध एक्शन न लेने के कारण भारत में बैंकों की वित्तीय स्थिति खराब हो गई है और सरकार को 88,000 करोड़ रुपया बैंकों को देना पड़ा है जो देश के गरीब और आम लोगों का धन है।’’ उनके इस बयान ने मुझे इंगलैंड के दिवंगत प्रधानमंत्री सर विंस्टन चर्चिल के प्रसिद्ध कथन की याद दिला दी कि, ‘‘भारतीय लोग शासन करने के काबिल नहीं, वे केवल अपने ऊपर शासन करवाने के ही उपयुक्त हैं।’’ (Indians are not fit to rule ,they are not fit to be ruled.)आज मुझे स्टेट बैंक के मैनेजर का वह कथन याद आ रहा है कि रिक्शा वालों को दिए हुए पैसे तो वापस आ जाएंगे, अलबत्ता बड़े लोगों को दिया ऋण वापस आना मुश्किल होता है। इस संबंध में शांता जी ने जो बयान दिया है वह भी तथ्यों पर आधारित है जिसके लिए वह साधुवाद के पात्र हैं।—विजय कुमार

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!