अपने भड़काऊ बयानों से हमारे नेता देश की कौन सी सेवा कर रहे हैं

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Nov, 2017 03:29 AM

what are our leaders in our service from our provocative statements

राजनीतिज्ञों और उनके परिजनों के अलावा समाज के प्रभावशाली वर्ग से संबंधित लोगों से आशा की जाती है कि वे कोई भी कानून विरोधी कार्य नहीं करेंगे और स्वयं को सच्चा जनहितैषी सिद्ध करते हुए अपने प्रभाव से आम लोगों की मुश्किलें सुलझाने में मदद करेंगे परंतु...

राजनीतिज्ञों और उनके परिजनों के अलावा समाज के प्रभावशाली वर्ग से संबंधित लोगों से आशा की जाती है कि वे कोई भी कानून विरोधी कार्य नहीं करेंगे और स्वयं को सच्चा जनहितैषी सिद्ध करते हुए अपने प्रभाव से आम लोगों की मुश्किलें सुलझाने में मदद करेंगे परंतु आज यही लोग इसके विपरीत आचरण कर रहे हैं जिसके चंद उदाहरण निम्र में दर्ज हैं: 

उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव का बिगुल बज चुका है और भाजपा नेता अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए अपने विकास कार्यों का बखान करने की बजाय मुस्लिम मतदाताओं को ही डराने-धमकाने में जुट गए हैं। बाराबंकी में भाजपा के चेयरमैन पद की प्रत्याशी शशि श्रीवास्तव के पति व वर्तमान चेयरमैन रंजीत श्रीवास्तव ने 13 नवम्बर को मुस्लिम मतदाताओं को उसकी पत्नी को वोट न देने पर परिणाम भुगतने की चेतावनी दे डाली। 

योगी आदित्यनाथ सरकार के दो मंत्रियों दारा सिंह चौहान और रमापति शास्त्री की मौजूदगी में रंजीत श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘समाजवादी पार्टी की सरकार नहीं है। यहां तुम जाकर डी.एम., एस.पी. से अपना काम नहीं करवा सकते। यहां तुम्हारा कोई नेता तुम्हारी मदद नहीं कर सकता। सड़क, नाली, नगरपालिका का काम है। दूसरी भी कुछ मुसीबतें तुम्हारे ऊपर आ सकती हैं। आज तुम्हारा कोई पैरोकार बीजेपी के अंदर नहीं है।’’ ‘‘अगर हमारे सभासदों को तुमने बगैर भेदभाव के चुनाव नहीं जिताया... तो तुम्हें समाजवादी पार्टी बचाने नहीं आएगी। भाजपा का शासनकाल है, जो कष्टï तुमको नहीं झेलने पड़े थे वे कष्टï तुमको उठाने पड़ सकते हैं।’’ ‘‘इसलिए मैं मुसलमानों से कह रहा हूं कि वोट दे देना। भीख नहीं मांग रहा हूं। अगर वोट दोगे तो सुखी रहोगे। अगर वोट नहीं दोगे तो जो कष्टï झेलोगे उसका अंदाजा तुमको स्वत: लग जाएगा।’’ 

20 नवम्बर को बिहार भाजपा के अध्यक्ष और सांसद नित्यानंद राय ने पटना में एक विवादास्पद बयान देते हुए कहा कि, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कठिन परिस्थितियों में देश का नेतृत्व कर रहे हैं। उनकी ओर उठने वाली उंगली और हाथ को या तो हम सब मिल कर तोड़ दें या उस हाथ को काट डालेें।’’ आज जबकि पहले ही समाज में साम्प्रदायिक वातावरण बुरी तरह विषाक्त हो रहा है, इस प्रकार के बयान देने के रुझान पर हर हालत में रोक लगाई जानी चाहिए। आखिर इस तरह के बयान देने वाले नेता देश की कौन सी सेवा कर रहे हैं? वे देश को विकास की ओर ले जा रहे हैं या विनाश की ओर?—विजय कुमार 

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