ई-पेमैंट धड़ाम, 125 से गिरकर पहुंची 12 प्रतिशत तक

Edited By ,Updated: 22 Mar, 2017 01:07 PM

e payment huge crash  went down by 12 percent from 125

इसमें कोई शक नहीं है कि नोटबंदी के बाद सबसे ज्यादा फायदा मोबाइल (एम.) वॉलेट कंपनियों को हुआ है।

नई दिल्ली: इसमें कोई शक नहीं है कि नोटबंदी के बाद सबसे ज्यादा फायदा मोबाइल (एम.) वॉलेट कंपनियों को हुआ है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 500 व 1000 के पुराने नोट बंद करने के बाद एम. वॉलेट ट्रांजैक्शन में भारी ग्रोथ दर्ज की गई थी। एम. वॉलेट का इस्तेमाल न केवल बड़े शहरों बल्कि छोटे शहरों में भी बढ़ा है।

वहीं आंकड़े देखें तो पता चलता है कि जैसे-जैसे सिस्टम में कैश वापस आ रहा है और जेब में नकदी आते ही खरीददारी का ट्रैंड बदला है यानी कि जैसे-जैसे मार्कीट में कैश बढ़ रहा है वैसे ही एम. वॉलेट ट्रांजैक्शन में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। बताते चलें कि नोटबंदी के कारण गत दिसम्बर में एम. वॉलेट लेनदेन में 125 पर्सैंट का भारी उछाल देखने को मिला, वहीं जनवरी 2017 में इससे लेनदेन कम होकर सिर्फ 12 पर्सैंट रह गया है। इतना ही नहीं भारतीय रिजर्व के आंकड़ों अनुसार न सिर्फ एम. वॉलेट ट्रांजैक्शन में गिरावट देखने को मिल रही है बल्कि प्वाइंट ऑफ सेल (पी.ओ.एस.) मशीनों के साथ-साथ मोबाइल बैंकिंग में क्रैडिट और डैबिट कार्ड के उपयोग में भी गिरावट देखने को मिल रही है।

कैश फ्लो ठीक होने से ट्रांजैक्शन घटी
गत वर्ष 8 दिसम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाई वैल्यू वाले मुद्रा (500-1000) नोटों को प्रचलन से बाहर करने से पेटीएम सहित एम. वॉलेट कंपनियां फ्रीचार्ज व मोबिविक को बड़े पैमाने पर प्रॉफिट हुआ। अकेले पेटीएम ने दावा किया है कि नोटबंदी के चलते कंपनी के साथ 23 मिलियन नए उपयोगकर्ता जुड़े हैं। वहीं वॉल्यूम के हिसाब से नवंबर में एम.वॉलेट पर लगभग 13.80 करोड़ रुपए की ट्रांजैक्शन हुई। दिसम्बर में ट्रांजैक्शन की कुल मात्रा बढ़कर 21.31 करोड़ हो गई लेकिन यह शॉर्ट टर्म था। बाजार में कैश फ्लो ठीक होने से 6 जनवरी को वैल्यू में ट्रांजैक्शन घटकर 8.98 लाख करोड़ रुपए रही, वहीं 3 मार्च को ट्रांजैक्शन वैल्यू 11.98 लाख करोड़ रुपए रही।

गिर रही है मोबाइल बैंकिंग
बाजार में कैश की उपलब्धता में वृद्धि के साथ मोबाइल बैंकिंग में भी बदलाव आया है। फरवरी के लिए 5 बैंकों के आंकड़े बताते हैं कि नवम्बर के बाद से मात्रा और मूल्य के मामले में लगातार गिरावट आ रही है। फरवरी में कुल मोबाइल बैंकिंग ट्रांजैक्शन वैल्यू 1.08 लाख करोड़ रुपए थी जो दिसम्बर के उच्चतम 1.36 लाख करोड़ रुपए से 21 पर्सैंट कम है जबकि ट्रांजैक्शन की मात्रा के संदर्भ में मोबाइल बैंकिंग नवम्बर, 2016 के 7.23 करोड़ से घटकर वर्ष 2017 के फरवरी माह में 5.62 करोड़ रुपए हो गई।
 इतना ही नही ए.टी.एम्ज पर डैबिट और क्रैडिट कार्ड के उपयोग की वैल्यू 52 पर्सैंट घटकर 1.23 लाख करोड़ रुपए हो गई। इतना ही नहीं दिसम्बर में, पी.ओ.एस. पर स्वाइप किए गए कार्डों की नैट ट्रांजैक्शन वैल्यू 89,100 करोड़ रुपए थी जो 8 पर्सैंट गिरकर जनवरी में 81,712 करोड़ रुपए पर आ गई।

नोटबंदी के बाद एम. वॉलेट की ग्रोथ 
रिजर्व बैंक ऑफ  इंडिया की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक एम. वॉलेट्स के जरिए दिसम्बर, 2016 में 21.3 करोड़ ट्रांजैक्शन किए गए जबकि नवम्बर में यह आंकड़ा 13.8 करोड़ का था। इसमें 54 पर्सैंट की ग्रोथ आई है। वहीं, वैल्यू के हिसाब से एम. वॉलेट में दिसम्बर में 7,448 करोड़ रुपए की ट्रांजैक्शन हुई जबकि एक माह पहले यह आंकड़ा 3,305 करोड़ रुपए था।

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