Edited By ,Updated: 27 Jul, 2016 04:38 PM
भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने आज आरोप लगाया कि बिहार में लाखों लोग बाढ़ के बीच जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं
पटना: भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने आज आरोप लगाया कि बिहार में लाखों लोग बाढ़ के बीच जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसकी चिंता नहीं है और वह इन सबसे बेखबर दूसरे प्रदेशों में सैर कर रहे है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने आज यहां कहा कि राज्य की प्रमुख नदियों में उफान के कारण मधुबनी, सारण, गोपालगंज, पूर्णियां, किशनगंज, अररिया, शिवहर, पूर्वी चंपारण, दरभंगा, मधेपुरा, खगडिया, भागलपुर, कटिहार और सुपौल समेत 18 जिले बाढ़ की चपेट में है। उन्होंने कहा कि अभी तक न तो मुख्यमंत्री और न ही उनके किसी मंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया है। यह संवेदनहीनता का प्रकाष्ठा है।
पांडेय ने कहा कि अधिकारियों का हवाई सर्वे और राहत के लंबे चौड़े वादे पीड़ितों के जख्म पर नमक छिड़कने के समान है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नौकरशाहों के भरोसे बाढ़ पीडितों को छोड़कर दूसरे राज्यों में अपना चेहरा चमकाने के लिए सैर कर रहे है। यही हाल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव का भी है। उन्हें सिर्फ अपने गांव और जिले की ही चिंता है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि वह बिहार विधान परिषद की आपदा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के नाते जल्द ही समिति की बैठक बुलायेंगे और सरकारी राहत कार्यो की समीक्षा करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्ष 2008 में कोसी में बाढ़ से हुई तबाही के बाद सरकार ने जो वादे किए थे उसे वह अब तक पूरा नहीं कर पाई है। आज भी कोसी के 85 प्रतिशत बाढ़ पीड़ितों को पक्का मकान नसीब नहीं हुआ है।