Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Mar, 2018 12:59 PM
बिहार में लोकआस्था के चार दिवसीय महापर्व चैती छठ के बुधवार को शुरू होने से राजधानी पटना समेत राज्य के विभिन्न इलाकों में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा नदी समेत अन्य नदियों और तालाबों में स्नान किया। सूर्योपासना के महापर्व का पहला दिन आज...
पटनाः बिहार में लोकआस्था के चार दिवसीय महापर्व चैती छठ की बुधवार को शुरूआत हो गई है। इस दौरान राजधानी पटना समेत राज्य के विभिन्न इलाकों में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा नदी समेत अन्य नदियों और तालाबों में स्नान किया। सूर्योपासना के महापर्व का पहला दिन आज नहाय खाय व्रत से शुरू हुआ। छठ व्रतियों ने नदियों और तालाबों में स्नान करने के बाद शुद्ध घी में बना अरवा भोजन ग्रहण किया। गंगा नदी में सुबह स्नान करने के बाद बड़ी संख्या में लोग गंगाजल लेकर अपने घर लौटे और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर पूजा की तैयारी में जुट गए हैं।
महापर्व के दूसरे दिन गुरुवार को श्रद्धालु दिन भर बिना जलग्रहण किए उपवास रखने के बाद सूर्यास्त होने पर पूजा करेंगे और उसके बाद दूध और गुड़ से खीर का प्रसाद बनाकर उसे सिर्फ एक बार खाएंगे तथा जब तक चांद नजर आएगा तब तक ही जल ग्रहण कर सकेंगे। उसके बाद से उनका करीब 36 घंटे का निराहार व्रत शुरू हो जाएगा।
तीसरे दिन व्रतधारी अस्ताचलगामी सूर्य को नदी और तालाब में खड़े होकर फल एवं कंद मूल से प्रथम अर्घ्य अर्पित करते हैं। पर्व के चौथे और अंतिम दिन फिर नदियों और तालाबों में व्रतधारी उदीयमान सूर्य को दूसरा अर्घ्य देते हैं। दूसरा अर्घ्य अर्पित करने के बाद ही श्रद्धालुओं का 36 घंटे का निराहार व्रत समाप्त होता है और वह अन्न ग्रहण करते हैं।