ग्रीन थेरेपी- जीने का नया तरीका

Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Aug, 2017 09:53 AM

green therapy a new way to live

कुदरत का आंचल हमें कितनी ही तकलीफों से बचाकर रखता है।

कुदरत का आंचल हमें कितनी ही तकलीफों से बचाकर रखता है। आज भले ही इंसान उस आंचल से दूर हो गया हो, लेकिन फिर भी कई बीमारियों का इलाज  कुदरत के पास है। डॉ आरोन मिछेलफेल्डर (लोयोला यूनिवर्सिटी ऑफ़ शिकागो) के अनुसार " जब हम प्रकृति से मिलते है, तब  हमारे स्वास्थ्य में सुधार होता है।हरियाली से शरीर की तकलीफों का इलाज, इसी को ग्रीन थेरेपी कहते है। व्यक्ति अगर हरियाली के निकट रहता है तो उसकी काफी बीमारिया तो वेसे ही कम हो जाती है यही कारण है की पुराने समय में लोग कम बीमार पड़ते थे । ग्रीन थेरेपी से व्यक्ति के जीवन में सकारात्म्कता का संचार होता है जिससे वह अपने आप को उर्जावान महसूस करता है । आज हम आपको ग्रीन थेरेपी से जीवन जीने के नए तरीके के बारे में बतायेंगे ।


मानसिक सकारात्मकता बढती है
ग्रीन थेरेपी से व्यक्ति को सकारात्मक वातावरण मिलता है जिससे तन मन और आत्मा तीनो एक दुसरे से घुल मिलकर व्यक्ति के चहुमुखी व्यक्तित्व का निर्माण करता है । जिसके कारण व्यक्ति अपने जीवन में कभी निराश नही होता है । मेरा कहना तो यह है की आप एक बार अकारण ही बस किसी भी पार्क में जाकर तमाम चिन्ताओ , परेशानियों को भुलाकर बस पार्क में खो जाओ तब आपको जो आत्मिक आनंद मिलेगा वो पुरे संसार में कही नही मिलेगा ।
 

ऊर्जा का निर्माण
ग्रीन थेरेपी से शरीर में ऊर्जा का निर्माण होता है। हरी घास पर टहलते हुए जब शरीर अतिरिक्त ऑक्सीजन की मांग करता है तो हृदय तेजी से पंपिंग करता है और जल्दी से फेफड़ों से ऑक्सीजन की सप्लाई मांगता है। ऐसे करने से हृदय और फेफड़े दोनों का काम होता हैं। इसे कहते हैं ग्रीन थेरेपी का कमाल क्योकि पार्क में शरीर के लिए जरुरी ऑक्सिजन पर्याप्त मात्रा में मिलती है ।


तनाव कम होता है
आप जितनी देर और जितना अधिक हरियाली के बीच रहेंगे, उतने ही स्वस्थ और तनावरहित रहेंगे। हरियाली का प्रभाव हमें सुरक्षा का एहसास दिलाता है, जो धीरे-धीरे मांसपेशियों का खिंचाव कम करता है और तनावरहित बनाता है। ग्रीन थेरेपी से मस्तिष्क की शक्ति भी बढ़ती है व्यक्ति में याद रखने की क्षमता को भी बढाता है।

      
जो लोग देर तक प्रदूषित वायु के संपर्क में रहते है, उनमें सांस रोग होने की संभावना ज्यादा होती है, यह वायु उनके मस्तिष्क पर भी असर डालती है। व्यक्ति में याद रखने की क्षमता घटने लगती है। यहां भी ग्रीन थेरेपी काम आती है। यदि आप अपने कार्यस्थल के आस-पास हरियाली रखेंगे, तो प्रदूषणकारी तत्व आप तक नहीं पहुंच पाएंगे। गूगल दुनिया में एक ऐसी संस्था है जो अपने कर्मचारियो के मानसिक तनाव को कम करने के लिए कार्यालय में पार्क की स्थापना कर दी ।

डॉ. रवि राय डांगी वाली

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