पश्चिमी देशों और रूस के बीच तनाव बढ़ा : ‘शीत युद्ध’ के बादल घिरने लगे

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Mar, 2018 03:13 AM

tensions rise between west and russia clouds of cold war

ब्रिटेन में शरण लिए एक पूर्व रूसी जासूस और उसकी युवा बेटी को विषैले पदार्थ द्वारा मार डालने की कोशिश के कांड को लेकर ब्रिटेन और रूस में खूब ठन गई है और दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव इतना गंभीर रूप धारण कर गया है कि ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा...

ब्रिटेन में शरण लिए एक पूर्व रूसी जासूस और उसकी युवा बेटी को विषैले पदार्थ द्वारा मार डालने की कोशिश के कांड को लेकर ब्रिटेन और रूस में खूब ठन गई है और दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव इतना गंभीर रूप धारण कर गया है कि ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने 23 रूसी कूटनीतिज्ञों को तत्काल ब्रिटेन से निकल जाने का हुक्म दिया है। 

अमरीका तथा पश्चिम के अन्य बड़े देशों जर्मनी और फ्रांस ने भी ब्रिटिश कार्रवाई का भरपूर समर्थन करते हुए रूस की कड़ी निंदा की है जिससे पश्चिम और रूस के बीच शीत युद्ध जैसी तनाव की ऐसी स्थिति पैदा हो गई है जो द्वितीय महायुद्ध के बाद पहली बार देखने को मिल रही है। रूसी कूटनीतिज्ञों को ब्रिटेन से निष्कासित करने की कार्रवाई के जवाब में रूस ने भी 23 ब्रिटिश कूटनीतिज्ञों को मास्को से निकल जाने का हुक्म दे दिया है। ब्रिटेन का राजनीतिक वातावरण इस वक्त इतना गर्म हो चुका है कि टी.वी. चैनल, रेडियो प्रसारण तथा समाचारपत्र सभी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को कंटीले प्रचार का निशाना बनाया हुआ है। 

यह स्थिति पिछले दो सप्ताह से उस वक्त से चल रही है जब रूस के एक जासूस सरजी स्क्रिपल और उसकी 33 वर्षीय बेटी युलिया को ब्रिटेन के शहर सालिसबरी में एक पार्क के बैंच पर मूर्छित पाया गया था। सरजी स्क्रिपल रूस की खुफिया एजैंसी का गुप्तचर था लेकिन वह दोहरा खेल खेलते हुए रूस के राज ब्रिटेन की जासूस खुफिया संस्था एम-आई 5 को पहुंचाने का काम भी करता था। पकड़े जाने पर रूस सरकार ने उसे 13 वर्ष कैद की सजा देकर जेल में रखा हुआ था। उसी तरह रूस की एक महिला जासूस भी ब्रिटेन की कैद में थी। दोनों देशों की सरकारों के बीच समझौते द्वारा इन कैदियों का आपस में तबादला कर लिया गया। ब्रिटेन ने सरजी स्क्रिपल को अपने देश में शरण दे दी। तब से वह अपनी बेटी के साथ ब्रिटिश नगरी सालिसबरी में रह रहा था। 

4 मार्च की एक दोपहर दोनों पिता-पुत्री एक पार्क के बैंच पर मूर्छित पाए गए। उससे पहले उन्होंने एक इतालियन रैस्टोरैंट में खाना खाया था। ब्रिटिश सरकार को संदेह है कि कोई विषैला पदार्थ देकर उन्हें मार देने का यह षड्यंत्र रूस सरकार ने उसी तरह रचा था जैसे 5 वर्ष पूर्व एक अन्य रूसी जासूस को दोगलेपन के शक में लंदन में विषैला टीका लगा कर संदेहास्पद परिस्थितियों में मार दिया गया था। इस घटना में रूस का हाथ होने का अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला। दोनों पिता-पुत्री गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती हैं। उन पर जिस विषैले पदार्थ का प्रयोग किया गया, उसके नमूनों का प्रयोगशालाओं में परीक्षण किया जा रहा है लेकिन उसके बारे में कहा जा रहा है कि वह कोई ऐसा रहस्यमयी रासायनिक पदार्थ है जिसकी अभी तक पहचान नहीं हो पा रही। 

सरजी स्क्रिपल और युलिया के मूर्छित पाए जाने की घटना पर गहरी चिंता प्रकट करते हुए ब्रिटेन ने रूस पर आरोप लगाया कि वह इस देश में गुप्त विध्वंसक गतिविधियों में संलग्र है। रूस ने इससे इंकार किया। रूसी सरकार से स्पष्टीकरण मांगते हुए ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने राष्ट्रपति पुतिन को सीधे दोषी ठहराया और उन्हें 24 घंटे के अंदर स्थिति स्पष्ट करने का अल्टीमेटम दिया। वक्त के अंदर जवाब न आने पर 23 रूसी कूटनीतिज्ञों को ब्रिटेन से निकल जाने का हुक्म दिया गया। रूस ने भी जवाबी कार्रवाई के तौर पर 23 ब्रिटिश कूटनीतिज्ञों को मास्को से निकल जाने का हुक्म जारी कर दिया है। एक रूसी रेडियो ने अपने प्रसारण में कहा है कि देश से गद्दारी करने वाले कहीं भी जा छिपें, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। 

स्थिति ने एक और गंभीर करवट ली है, स्क्रिपल और युलिया की बेहोशी की घटना के 11 दिन बाद लंदन में एक और रूसी व्यापारी को उसके घर के अंदर मुर्दा पाया गया है। उस व्यापारी निकोलाई ग्लुश्कोव के बारे में बताया गया है कि वह स्क्रिपल का मित्र था। पुलिस को संदेह है कि उसकी हत्या की कोशिश की गई है। इसके लिए कत्ल की घटना के तौर पर जांच शुरू कर दी गई है। स्क्रिपल को जहर दिए जाने और ग्लुश्कोव की मृत्यु का आपस में क्या संबंध है, इस बारे कोई व्याख्या नहीं की गई। इस घटना से प्रधानमंत्री थेरेसा मे को राजनयिक लाभ मिलने की संभावना है। यूरोपियन यूनियन को छोडऩे के मुद्दे का अभी तक कोई संतोषजनक हल न निकल पाने के कारण थेरेसा मे जरा कठिन स्थिति से गुजर रही थीं। रूस के विरुद्ध कड़ा रुख अपना कर उन्हें अपनी लीडरशिप को फिर से मजबूत बनाने का अवसर मिल गया है। 

बड़े यूरोपियन देशों फ्रांस, जर्मनी तथा अमरीकी राष्ट्रपति द्वारा रूस के विरुद्ध कार्रवाई का समर्थन मिल जाने के बाद थेरेसा मे अपने आपको पहले के मुकाबले में सबल स्थिति में महसूस कर रही हैं लेकिन विपक्षी लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोरबिन ने रूस के विरुद्ध कार्रवाई के पक्ष में अभी कुछ बोलने से इंकार कर दिया है। उनका मत है कि रूस के खिलाफ जो भी कहा जा रहा है वह शक के आधार पर कहा जा रहा है। इस बात का अभी कोई पुख्ता सबूत नहीं कि स्क्रिपल और उसकी बेटी को जो भी कोई जहरीली चीज खिलाई गई है, उसके पीछे रूस का हाथ है।-कृष्ण भाटिया

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