चीनी उत्पादों पर ट्रम्प की 60 अरब डालर ïवार्षिक टैक्स लगाने की धमकी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Mar, 2018 01:56 AM

threat to trumps 60 billion annual tax on chinese products

अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा चीन के विरुद्ध नए आयात-निर्यात कर लगाने की योजना के मद्देनजर चीन ने दोनों देशों के बीच लम्बे समय से चले आ रहे बौद्धिक सम्पदा मुद्दे विवाद पर अपना रुख नरम करते हुए इन अधिकारों को संरक्षण देने का वायदा किया...

अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा चीन के विरुद्ध नए आयात-निर्यात कर लगाने की योजना के मद्देनजर चीन ने दोनों देशों के बीच लम्बे समय से चले आ रहे बौद्धिक सम्पदा मुद्दे विवाद पर अपना रुख नरम करते हुए इन अधिकारों को संरक्षण देने का वायदा किया है। 

चीन की नैशनल पीपल्स कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशन की समाप्ति पर अपने उद्बोधन में प्रधानमंत्री ली केकियांग ने मंगलवार को कहा कि उनका देश किसी तरह के व्यापारिक युद्ध में नहीं उलझना चाहता और इसलिए चीन की सरकार ने कारखाना क्षेत्र को कुछ अधिक उदार बनाने की योजना बनाई है। इस योजना के चलते अब विदेशी कम्पनियों को इस बात के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा कि वे अपनी टैक्नालोजी का चीन की स्थानीय कम्पनियों को हस्तांतरण करें। 

उल्लेखनीय है कि चीन में अमरीकी व्यापार प्रतिनिधि राबर्ट लाइटाइदर द्वारा की गई केवल एक ही जांच से यह खुलासा हुआ था कि चीन में अमरीकी बौद्धिक अधिकारों का बहुत बड़े स्तर पर हनन होता है। इससे पडऩे वाले आर्थिक घाटे की क्षतिपूर्ति के लिए ट्रम्प के नेतृत्व में व्हाइट हाऊस ने चीनी उत्पादों पर कम से कम 60 अरब डालर वार्षिक आयात शुल्क लगाने की योजना बनाई। इसकी खबर लगते ही ली केकियांग ने सोमवार देर शाम को चीन के नरम रुख का खुलासा किया। अमरीकी प्रशासन चीन से आने वाले उपभोक्ता इलैक्ट्रानिक से लेकर जूतों और कपड़ों तक हर चीज पर आयात शुल्क लगाने पर विचार कर रहा है, इसके साथ ही अमरीका में होने वाले चीनी निवेश पर भी पाबंदियां विचाराधीन हैं। 

अमरीकी आंकड़ों के अनुसार अमरीका-चीन व्यापार बहुत असंतुलित है और अमरीका को इसमें भारी घाटा पड़ रहा है। गत वर्ष यह घाटा 375 अरब डालर तक पहुंच गया था जबकि चीन का व्यापार घाटा बिल्कुल मामूली है। अमरीकी पाबंदियां वास्तव में कितनी व्यापक और प्रभावी होंगी, अभी भी इस पर मंथन चल रहा है। दूसरी ओर विश्व भर में ये प्रयास चल रहे हैं कि दैत्याकार बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को अपने भारी मुनाफे उन देशों को हस्तांतरण करने से रोका जाए जहां टैक्स दर बहुत कम है। इस मुद्दे पर अमरीका तथा यूरोप के नीति निर्धारकों में जोरदार टकराव शुरू हो गया है। दोनों पक्ष विदेशी फर्मों पर नए टैक्स लगाने को लेकर आमने-सामने हैं। 

एक ओर यूरोपियन आयोग अमरीका की सिलीकोन वैली में स्थित दिग्गज टैक्नालोजी कम्पनियों पर लक्ष्य साधने का प्रयास कर रहा है ताकि 28 सदस्यीय यूरोपीय यूनियन में उन पर प्रभावी ढंग से टैक्स लग सके। यूरोपियन आयोग के मसौदे के आधार पर मीडिया में यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि यूरोप में डिजीटल कम्पनियों पर टैक्स इस आधार पर नहीं लगेगा कि उनका मुख्यालय कहां है बल्कि इस आधार पर लगाया जाएगा कि उनका राजस्व कहां से पैदा होता है। उल्लेखनीय है कि दिग्गज डिजीटल कम्पनियों के मुख्यालय आयरलैंड और लक्समबर्ग  जैसे देशों में हैं जहां टैक्स दरें बहुत ही कम हैं। 

यूरोपियन आयोग के ये प्रस्ताव गत वर्ष राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा उन कम्पनियों पर 1.5 ट्रिलियन डालर नए टैक्स लगाने के परिपे्रक्ष्य में आए हैं। ये कम्पनियां अमरीका व अन्य देशों से कमाए हुए अपने लाभ को विदेशों में स्थानांतरित करती हैं। अमरीकी टैक्स कानून के अंतर्राष्ट्रीय प्रावधानों से कुछ यूरोपीय नेता काफी गुस्से में हैं और कह रहे हैं कि अमरीका के टैक्स कानून विश्व व्यापार संगठन के नियमों का भारी उल्लंंघन हैं। वैसे दैत्याकार बहु-राष्ट्रीय कम्पनियों के बारे में सभी गैर अमरीकी सरकारों को सामूहिक रूप में चिंता है कि ये कम्पनियां जिन भी देशों में कारोबार करती हैं वहां अपने टैक्स का कानून सम्मत हिस्सा अदा नहीं करतीं। अमेजोन, एप्पल और गूगल जैसी बड़ी अमरीकी कम्पनियां ऐसे आरोपों से घिरी हुई हैं क्योंकि वे अपने लाभ बहुत कम टैक्स दरों वाले देशों में दर्ज करवाती हैं और इस तरह अमरीका में उनकी टैक्स देनदारी नगण्य रह जाती है। 

लेकिन इस तरह की टैक्स चोरी से निपटने के मामले में कोई सर्वसम्मत समझौता नहीं हो पाया है। आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन टैक्स चोरी से निपटने के लिए वैश्विक प्रयासों में समन्वय पैदा करने का प्रयास कर रहा है। डिजीटल कराधान पर गत शुक्रवार प्रकाशित एक रिपोर्ट में इस संगठन ने कहा है कि 110 से भी अधिक देश अंतर्राष्ट्रीय टैक्स प्रणाली में सुधार करने पर सहमत हो गए हैं।

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!