वैटिकन अब घिरा ‘लैटरगेट स्कैंडल’ में

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Mar, 2018 03:50 AM

vatican now surrounded in lattergate scandal

पहले ही कई सनसनीखेज खुलासों के आघात से लहू-लुहान वैटिकन पर अब एक नए ‘लैटरगेट’ स्कैंडल ने वज्रपात करने शुरू कर दिए हैं। गत एक सप्ताह से वैटिकन जिस विवाद में उलझा हुआ है उसके बारे में परम्परावादियों का कहना है कि यह पूरी तरह से लीपापोती का प्रदर्शन है...

पहले ही कई सनसनीखेज खुलासों के आघात से लहू-लुहान वैटिकन पर अब एक नए ‘लैटरगेट’ स्कैंडल ने वज्रपात करने शुरू कर दिए हैं। गत एक सप्ताह से वैटिकन जिस विवाद में उलझा हुआ है उसके बारे में परम्परावादियों का कहना है कि यह पूरी तरह से लीपापोती का प्रदर्शन है जबकि अन्य लोगों का कहना है कि ऐसा आपसी संचार की कमियों के कारण हुआ है। 

गत सोमवार वैटिकन संचार विभाग के प्रमुख श्रीमंत दारियो विगानो ने एक प्रस्तुति का आयोजन किया जिसमें ‘पोप फ्रांसिस का धर्मशास्त्र’ विषय पर 11 टिप्पणीकारों के विचारों को 11 ही पत्रकों के रूप में पेश किया गया था। विगानो ने सेवानिवृत्त पोप बैनीडिक्ट का 5 पैरे वाला एक पत्र पढ़कर सुनाया जिसमें 90 वर्ष की वयोवृद्ध अवस्था को पहुंच चुके फ्रांसिस के पूर्ववर्ती ने अर्जेंटीना मूल के वर्तमान पोप पर लगाए जा रहे इन आरोपों को ‘मूर्खता भरा पूर्वाग्रह’ करार दिया कि वह अपने उदारवादी धार्मिक विचारों से कैथोलिक चर्च को बर्बाद कर रहे हैं। 

बैनीडिक्ट ने परम्परावादियों के इन सुझावों पर भी प्रश्रचिन्ह लगाया कि पोप फ्रांसिस के पास पर्याप्त शैक्षणिक योग्यताएं नहीं हैं। उन्होंने अपने उत्तराधिकारी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह ‘‘बहुत गहन दार्शनिक ङ्क्षचतन करने वाले धर्मशास्त्री हैं।’’ बैनीडिक्ट ने यह भी कहा कि उन दोनों के बीच एक आंतरिक निरंतरता मौजूद है। लेकिन संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों को जो सामग्री बांटी गई उसमें पूर्व पोप बैनीडिक्ट के पत्र का चौथा पहरा गायब था जिसमें उन्होंने 11 के 11 ग्रंथ न पढ़ पाने की क्षमा याचना की थी इसी कारण इस शृंखला की गहन धर्मशास्त्रीय प्रस्तावना लिखने का आवेदन ठुकरा दिया था। 

मीडिया को उपलब्ध करवाई गई प्रचार सामग्री में जो फोटो भेजी गई थी उसमें बैनीडिक्ट के पत्र का प्रथम पृष्ठ  मेज पर रखा दिखाया गया था जिसकी शुरूआती पंक्तियां पढ़ी नहीं जा रही थीं क्योंकि स्पष्ट तौर पर इन्हें जानबूझकर धुंधला किया गया था ताकि पत्र के शेष भाग पर अधिक फोकस बन सके। फोटो पत्रकारिता के प्रोफैशनल मानक तस्वीरों के साथ इस तरह की छेड़छाड़ की अनुमति नहीं देेते, खासतौर पर जब ऐसा करने से अर्थों में भारी बदलाव आता हो। पोप के कार्यक्रमों की कवरेज करने वाले मीडिया आऊटलैट अक्सर वैटिकन द्वारा बांटी गई सामग्री पर निर्भर होते हैं और इस सामग्री को विश्वसनीय मानते हैं। 

फ्रांसिस के परम्परावादी आलोचकों ने इस धुंधलाए हुए भाग को देखा तो पत्र के चुङ्क्षनदा अंशों की प्रैस रिलीज में से उन्हें सैंसरशिप की साजिश की बू आने लगी। उनका कहना है कि 2013 में त्यागपत्र देने वाले पूर्व पोप के विचारों की सैंसरशिप हो रही है। कई परम्परावादी कैथोलिक अभी भी पूर्व पोप बैनीडिक्ट को उदारपंथियों के विरुद्ध एक मजबूत दुर्ग के रूप में देखते हैं और उन्होंने तलाकशुदा कैथोलिकों एवं समङ्क्षलगियों के प्रति पोप फ्रांसिस के नर्म रुख की भी धज्जियां उड़ाई हैं। एडवर्ड पैंटिन नामक एक परम्परावादी लेखक जो अमरीकी अखबार नैशनल कैथोलिक रजिस्टर में वैटिकन के बारे में लिखते हैं, का कहना है: ‘‘कैथोलिकों में अधिक से अधिक लोगों के कान खड़े हो रहे हैं क्योंकि वे पोप फ्रांसिस के तत्वावधान में लगातार घोटालों, साजिशों और छल-कपट को देखकर व्यथित हैं।’’ 

पैंटिन ने ही समाचार एजैंसी राइटर को भेजी अपनी ई-मेल में पूर्व पोप के पत्र से संबंधित प्रकरण को ‘लैटरगेट’ का नाम दिया था। वैसे इस घटनाक्रम की वीडियो से इस बात की पुष्टि होती है कि विगानो ने पूर्व पोप का सम्पूर्ण पत्र पढ़ा था यानी कि वह पैरा भी जिसे प्रैस रिलीज में गायब कर दिया गया था। दूसरी ओर कैथोलिक समाचार एजैंसी ‘असिस्टांपा’ की प्रमुख एंजेला एम्ब्रोजेटी ने कहा: ‘‘इसमें साजिश की बातें एकदम बेहूदा हैं।’’ फिर भी इस पूरे प्रकरण के 2012 के ‘वैटीलीक्स’ स्कैंडल की यादें ताजा हो गईं जब पूर्व पोप बैनीडिक्ट के निजी खानसामा ने पोप के कुछ व्यक्तिगत पत्र चुरा लिए और उन्हें मीडिया में लीक कर दिया था। ताजा विवाद ‘विश्व संचार दिवस’  के मौके पर पोप का संदेश प्रकाशित होने के ऐन बाद भड़का है क्योंकि पोप के संदेश में ‘फेक न्यूज’ के रुझान की आलोचना की गई थी।     

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