भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं इवांका ट्रम्प

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Nov, 2017 03:55 AM

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अपने भाषणों और क्रियाकलापों से हमेशा कुख्यात रहने वाले, विवाद खड़ा करने वाले अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की बेटी दुनिया में जहां भी जाती है वहां पर एक शासक जैसा ही उसे सम्मान मिलता है, उसकी खातिरदारी होती है। जबकि वह किसी भी संवैधानिक पद पर...

अपने भाषणों और क्रियाकलापों से हमेशा कुख्यात रहने वाले, विवाद खड़ा करने वाले अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की बेटी दुनिया में जहां भी जाती है वहां पर एक शासक जैसा ही उसे सम्मान मिलता है, उसकी खातिरदारी होती है। 

जबकि वह किसी भी संवैधानिक पद पर नहीं बैठी हुई है और न उसके पास राजनयिक की जिम्मेदारी है। वह सिर्फ और सिर्फ डोनाल्ड ट्रम्प की बेटी है, यह अलग बात है कि डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी बेटी इवांका को अपना सलाहकार बना रखा है। अभी इवांका भारत आ रही है। भारत में वह आयोजित हो रहे ग्लोबल इंटरप्रेन्योरशिप समिट में भाग लेगी। ग्लोबल इंटरप्रेन्योरशिप समिट में भाग लेने के लिए इवांका को भारत सरकार ने विशेष तौर पर आमंत्रित किया है। 

नरेन्द्र मोदी सरकार ने घोषणा की है कि इवांका को उसी तरह की सुरक्षा और उसी तरह का सम्मान दिया जाएगा जिस तरह की सुरक्षा और सम्मान अमरीकी राष्ट्रपति को मिलता है। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि इवांका के स्वागत के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद उपस्थित रहेंगे। ऐसी सुरक्षा और सम्मान इवांका को सिर्फ  भारत में ही नहीं मिल रहा है बल्कि दुनिया में जहां भी वह जाती है, अमरीकी राष्ट्रपति की तरह की सुरक्षा और सम्मान पाती है। अमरीका में भी वह न केवल एक सैलिब्रिटी है बल्कि वह आधुनिक अमरीका के भविष्य के नेता के तौर पर देखी जा रही है। 

सबसे बड़ी बात यह है कि नरेन्द्र मोदी इवांका को इतना भाव क्यों दे रहे हैं? इवांका के माध्यम से नरेन्द्र मोदी कौन-सी कूटनीतिक शक्ति हासिल करना चाहते हैं। नरेन्द्र मोदी सरकार में इवांका की अहमियत कितनी बड़ी है, इसका एक उदाहरण यह भी है कि जब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अमरीका गई थीं तब वह इवांका से मिलना नहीं भूली थीं। सिर्फ  इतना ही नहीं बल्कि सुषमा स्वराज ने इवांका से हुई मुलाकात को गंभीर और परिणामदायक बताया था। दुनिया की कूटनीति के सहचर लोगों को इवांका की हैसियत और उपयोगिता मालूम है। 

सबसे बड़ी बात यह है कि डोनाल्ड ट्रम्प अपनी बेटी इवांका के अलावा और किसी पर विश्वास नहीं करते। अपनी युवा पत्नी को डोनाल्ड ट्रम्प ने वह हैसियत नहीं दे रखी है जो उन्होंने अपनी बेटी इवांका को दे रखी है। इवांका अपने पिता के भरोसे पर हमेशा खरा उतरती है। जब डोनाल्ड ट्रम्प भीषण समस्याओं से घिरते हैं, उनके विरोधी जब उनके ऊपर टूटते हैं और उन पर हावी हो जाते हैं तब ट्रम्प अपनी बेटी की ओर देखते हैं। उनकी बेटी इवांका निराश भी नहीं करती है। बहुत कम लोगों को मालूम है कि डोनाल्ड ट्रम्प में आधुनिक अमरीका का राष्ट्रपति बनने की ललक इवांका ने ही पैदा की थी। 

डोनाल्ड ट्रम्प तो एक व्यापारी था। उसके व्यापार दुनिया भर में फैले हुए थे। पैसा कमाना उसका एक मात्र लक्ष्य था। अपने व्यापार के संरक्षण के लिए राजनीति से उसका जुड़ाव था। आप भारत में भी ऐसे उदाहरण देख सकते हैं। व्यापारी अपने व्यापार और भ्रष्टाचार के संरक्षण के लिए राजनीति से संबंध रखते हैं। नरेन्द्र मोदी पर अंबानी-अदानी पर मदद करने के आरोप लगते रहते हैं। डोनाल्ड ट्रम्प भी अंबानी-अदानी की तरह ही व्यापारी था। इवांका की राजनीतिक उड़ान का डोनाल्ड ट्रम्प सहचर बन गया और डोनाल्ड ट्रम्प की इच्छा राष्ट्रपति बनने की हुई। राष्ट्रपति का चुनाव जीतना डोनाल्ड ट्रम्प के लिए कोई आसान बात नहीं थी। दुनिया के कूटनीतिक तथा शासक वर्ग भी डोनाल्ड ट्रम्प की जीत की उम्मीद नहीं कर रहे थे। पर अमरीकी मीडिया और दुनिया के शासकों को यह पता नहीं था कि डोनाल्ड ट्रम्प के चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी इवांका जैसी मजबूत शख्सियत के पास है। उल्लेखनीय तौर पर इवांका की गंभीर भूमिका ट्रम्प के राष्ट्रपति चुनाव जीतने में है। अभी-अभी अमरीका की दो नीतियां ऐसी रही हैं जिनमें इवांका की भूमिका बड़ी रही है। 

निश्चित तौर पर ट्रम्प अपनी पुत्री इवांका को अपने उत्तराधिकारी के तौर पर प्रशिक्षित कर रहे हैं। इवांका भी अपने आप को आधुनिक अमरीका के भावी नेता के तौर पर प्रस्तुत कर रही है। हिलेरी किंलटन की चुनौतियों और ख्याति का वह अपनी राजनीतिक और कूटनीतिक कुशलता की कसौटी पर जवाब दे रही है। अमरीका में अभी तक कोई महिला राष्ट्रपति नहीं बन सकी है। हिलेरी किंलटन का राष्ट्रपति बनने का सपना डोनाल्ड ट्रम्प ने ही तोड़ दिया था। अगर भविष्य में इवांका अपने पिता डोनाल्ड ट्रम्प की तरह आधुनिक अमरीका की राष्ट्रपति बनने में सफल हुई तो फिर वह इतिहास बना सकती है। 

जहां तक भारत का प्रश्न है तो अमरीका की दृष्टि सकारात्मक है। अमरीका और भारत के संबंध सर्वश्रेष्ठ दौर में हैं। भारत से संबंध विकसित करने की कसौटी पर डोनाल्ड ट्रम्प जार्ज बुश जूनियर और बराक ओबामा को काफी पीछे छोड़ चुके हैं। हर वैश्विक मंच पर ट्रम्प और मोदी के बीच मुलाकात होती है। चीन और पाकिस्तान को नियंत्रित करने के लिए अमरीका का साथ चाहिए। इसीलिए नरेन्द्र मोदी सरकार इवांका को उल्लेखनीय सम्मान दे रही है, शासक की तरह खातिरदारी कर रही है।-विष्णु गुप्त

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