शीघ्र लागू करना होगा ‘नीतीश का निश्चय, विकास की गारंटी’ का नारा

Edited By ,Updated: 25 Nov, 2015 12:05 AM

will need to quickly nitish decide development guarantee slogan

बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने से एक दिन पूर्व नीतीश कुमार ने अभी-अभी हुए विधानसभा चुनावों में 30 चुनावी क्षेत्रों में जद (यू) के उम्मीदवारों की पराजय की समीक्षा करने के लिए एक मीटिंग बुलाई थी।

(संजय सिंह): बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने से एक दिन पूर्व नीतीश कुमार ने  अभी-अभी हुए विधानसभा चुनावों में 30 चुनावी क्षेत्रों में जद (यू) के उम्मीदवारों की पराजय की समीक्षा करने के लिए एक मीटिंग बुलाई थी। इन क्षेत्रों के पराजित 30 जद (यू) उम्मीदवारों को भी बुलाया गया था ताकि चुनावी अभियान दौरान वे खुद को दरपेश आई समस्याओं को सांझा कर सकें। 

इससे एक बात तो स्पष्ट है कि गठबंधन सरकार का संचालन करने के लिए जहां वह पूरी तैयारी कर रहे थे, वहीं पार्टी की भी अनदेखी नहीं कर रहे क्योंकि जमीनी स्तर पर इस पार्टी का कोई प्रभावशाली वजूद नहीं है। नीतीश ने पराजित उम्मीदवारों और पार्टी कार्यकत्र्ताओं का उत्साह बढ़ाने वाली बातेंकहीं, जिसे जमीनी स्तर की राजनीति के साथ संबंध बनाए रखने के उनके प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। 
 
अपने पूर्व मुख्यमंत्रित्वकाल में नीतीश ने अपनी पार्टी का जनाधार मजबूत करने के लिए कोई खास काम नहीं किया था, जबकि चुनावी वर्ष में सरकार की उपलब्धियों का साधारण लोगों तक प्रचार करने के लिए पार्टी का मजबूत होना जरूरी है। हालांकि इस चुनाव में पार्टी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के प्रयासों के फलस्वरूप जमीनी स्तर पर आम लोगों के साथ संवाद रचाने के मामले में पार्टी की कारगुजारी काफी संतोषजनक रही। 
 
पार्टी संगठन पर नीतीश का विशेष रूप में ध्यान देना इस तथ्य के मद्देनजर बहुत महत्वपूर्ण है कि वह पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव नीत राष्ट्रीय जनता दल (राजद) तथा कांग्रेस पार्टी जैसे सशक्त सहयोगियों वाली सरकार के मुखिया हैं। बेशक नीतीश मुख्यमंत्री हैं, फिर भी उनकी पार्टी तो गठबंधन सरकार में एक कनिष्ठ सहयोगी ही है, जबकि 243 सदस्यीय विधानसभा में 80 सदस्यों के साथ राजद सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरा है। जद (यू) ने 71 सीटें जीती हैं। 28 सदस्यीय मंत्रिमंडल में जद (यू) और राजद दोनों के 12-12 मंत्री हैं, जबकि कांग्रेस के 4 हैं। कुल मंत्रियों में से 18 नए चेहरे हैं। 
 
महागठबंधन बेशक बहुत बड़े फर्क से जीत दर्ज करने में सफल रहा है तो भी उसका असली काम अब शुरू हुआ है : यानी अब नीतीश को ‘‘नीतीश का निश्चय, विकास की गारंटी’’ का नारा शीघ्रातिशीघ्र लागू करना होगा। प्रत्येक घर को बिजली, शौचालयऔर पाइप के द्वारा जलापूर्ति सहित नीतीश ने 7 प्रतिबद्धताएं व्यक्त की थीं। 5 वर्षों दौरान इन पर कम से कम 2.70 लाख करोड़ रुपए खर्च आएंगे। 
 
नीतीश ने पढ़े-लिखे बेरोजगारों के लिए 1000 रुपए मासिक अलाऊंस, 4 लाख रुपए तक विद्यार्थी क्रैडिट कार्ड और प्रत्येक कालेज एवं यूनिवसटी परिसर को मुफ्त वाई-फाई सुविधा देने का वायदा किया हुआ है। 
 
मुख्यमंत्री नीतीश ने तकनीकी शिक्षा को प्राथमिकता देने की अपनी सरकार की नीति को भी रेखांकित किया है। उनकी सरकार से उम्मीद है कि वह मौजूदा मैडीकल कालेजों के परिसरों में नॄसग कालेजों के अलावा नए मैडीकल कालेज भी शुरू करेगी। एक अन्य वायदा है कि प्रदेश भरमें गांवों में कंक्रीट से पक्की सड़कें और गलियां बनाना। 
 
सबसे महत्वपूर्ण वायदों में से एक है सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण। गत एक दशक दौरान जातिवाद से पीड़ित बिहार प्रदेश में नीतीश ने बहुत सफलतापूर्वक एक महिला वोट बैंक खड़ा कर लिया है। इसी का फल उन्हें इस चुनाव में हासिल हुआ, जब भारी संख्या में महिला मतदाता चुनाव बूथों तक दस्तक देने पहुंचीं। 
 
जुलाई में बिहार राज्य शिक्षा आधारभूत ढांचा विकास निगम के एक कार्यक्रम में नीतीश ने स्वयं यह इच्छा व्यक्त की थी कि इस शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होना चाहिए। सरकार के विरुद्ध लोगों को यह शिकायत थी कि इसने सरकारी नौकरियों पर ढेर सारे अध्यापकों को उनकी शैक्षणिक डिग्रियों का सत्यापन किए बिना ही तैनात कर दिया है। अब उनके सामने शिक्षा की गुणवत्ता का सुधार करने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रमों की व्यवस्था करने का विकल्प खुला है। 
 
नीतीश अपने नए मंत्रियों की कारगुजारी पर नजर रखने में भी काफी व्यस्त रहेंगे। उनकी एक बड़ी उपलब्धि है प्रदेश भर में सड़कों के जाल का विस्तार करना और अब इस विभाग का प्रभारी उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को बनाया गया है, जो लालू प्रसाद यादव का छोटा बेटा है। लालू प्रसाद के दूसरे बेटे तेज प्रताप को भी छोटी सिंचाई परियोजनाओं,  जंगलात एवं पर्यावरण के अलावा  स्वास्थ्य जैसा महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो दिया गया है।  स्वास्थ्य क्षेत्र नीतीश के लिए सदा से ही शीर्ष वरीयता वाला रहा है और सरकार यह सुनिश्चितकरती रही है कि प्राइमरी हैल्थ सैंटरों पर भी दवाइयां सदा उपलब्ध हों। नए मंत्रिमंडल में नीतीश की ‘सुशासन बाबू’ वाली छवि इस बात पर निर्भर करेगी किलालू प्रसाद के दोनों बेटे कैसी कारगुजारी दिखाते हैं? 
 
नौकरशाहों को डर है कि एक दशक पूर्व नीतीश ने जिस कार्य संस्कृति का श्रीगणेश किया था, वह नई सरकार के अन्तर्गत शायद जारी नहीं रह सकेगी। आखिर राजद प्रमुख का कामकाज का अपना अलग ही अंदाज है और वह नौकरशाहों के साथ अलग शैली में पेश आते हैं। लेकिन लालू भी अब की बार शायद पहले जैसी स्वच्छंदता बरतने से परहेज करेंगे। एक नौकरशाह ने उम्मीद व्यक्त की, ‘‘लालू जी यह भली-भांति जानते हैं कि अपने बेटों को राजनीति में स्थापित करने का यही मौका है। इसलिए नीतीश की कार्य संस्कृति में उनके द्वारा छेड़छाड़ किए जाने की बहुत कम संभावना है।’’
 
नीतीश सरकार के नए वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ही राजद के कोटे से आए हैं। लेकिन अच्छी खबर यह है कि सिद्दीकी को मंझा हुआ राजनीतिज्ञ माना जाता है और अपने राजनीतिक करियर में वह विवादों से दूर रहे हैं। नीतीश के लिए इससे भी बेहतर समाचार यह है कि गृह और आम प्रशासन जैसे महत्वपूर्ण विभाग दोनों ने खुद अपने ही हाथों में रखे हैं। इससे सिद्ध होता है कि अमन-कानून का राज्य बनाए रखना स्पष्ट तौर पर उनकी वरीयता होगी और ऐसा करते हुए राज्य के शीर्ष नौकरशाहों के साथ उनका सीधा संबंध बना रहेगा। 
 
IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!