बेनामी संपत्ति की जानकारी देने वाले मुखबिर को 1 करोड़ रुपए इनाम

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Sep, 2017 11:37 AM

1 crore rupee reward for informer giving information of anonymous property

नोटबंदी के बाद काले धन पर ‘सॢजकल स्ट्राइक’ करने के लिए मोदी सरकार ने बेनामी संपत्ति को अपना निशाना बनाया था।

नई दिल्ली : नोटबंदी के बाद काले धन पर ‘सॢजकल स्ट्राइक’ करने के लिए मोदी सरकार ने बेनामी संपत्ति को अपना निशाना बनाया था। इसी कड़ी में केंद्र सरकार उन मुखबिरों को 1 करोड़ रुपए तक का इनाम देने की तैयारी में है, जो उसे बेनामी संपत्ति रखने वालों के खिलाफ  खुफिया जानकारी देंगे। अभी ये प्रस्ताव वित्त मंत्रालय के पास है। वित्त मंत्री की हरी झंडी मिलने के बाद सी.बी.डी.टी. इसका औपचारिक ऐलान कर देगी।

मुमकिन है कि अक्तूबर के आखिर या नवम्बर के पहले हफ्ते में इसका ऐलान किया जाए। इस पॉलिसी पर काम कर रहे केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सी.बी.डी.टी.) के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि बेनामी संपत्ति की जानकारी देने वाले मुखबिर को कम से कम 15 लाख और ज्यादा से ज्यादा 1 करोड़ रुपए देगी। अधिकारी ने बताया कि बेनामी संपत्ति की जानकारी सटीक होनी चाहिए और मुखबिर की पहचान पूरी तरह से गुप्त रखी जाएगी। 

पहली बार दी जा रही इतनी बड़ी राशि 
पिछले साल सरकार जो बेनामी संपत्ति कानून लाई थी, उसमें इस तरह के प्रावधान नहीं थे। हालांकि इससे पहले भी प्रवर्तन निदेशालय (ई.डी.)  डी.आर.आई. इस तरह की खुफिया जानकारी देने वालों को इनाम देते रहे हैं, लेकिन इतनी बड़ी राशि पहली बार दी जा रही है। बेनामी संपत्ति रखने वालों का पता लगाना टैक्स अधिकारियों और प्रशासन के लिए काफी मुश्किल काम होता है।

एक वरिष्ठ सी.बी.डी.टी. अधिकारी ने बताया ‘‘अगर हम मुखबिरों से मदद लेते हैं तो ऑपरेशन का यह बहुत आसान, तेज और असरदार तरीका होगा। जानकारी देने वाले को इनाम मिलेगा जिससे काम काफ ी आसान हो जाएगा और देशभर में बेनामी संपत्ति रखने वालों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।’’  आपको बता दें कि बेनामी संपत्ति एक्ट नवम्बर 2016 को लागू किया गया था। इस कानून के आने के बाद से कई बेनामी संपत्तियों की पहचान हुई है, जिसमें बैंक डिपोजिट और कई अचल संपत्तियां शामिल हैं।
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शैल कंपनियों पर कार्रवाई तेज, सेबी ने 3 और कंपनियों के ऑडिट के दिए आदेश 
पूंजी बाजार नियामक सेबी ने 3 अन्य शैल कंपनियों के ऑडिट का आदेश दिया है। ये 3 कंपनियां इंडियन इंफोटैक एंड सॉफ्टवेयर, न्यूएवर ट्रेड विंग और शिवोम इंवैस्टमैंट एंड कंसल्टैंसी हैं। ये कंपनियां उन 331 संदिग्ध शैल कंपनियों में से हैं जिसकी अभी पहचान हुई है। इस ताजा आदेश के साथ ही उन कुल फर्मों की संख्या 11 हो गई है जिसके खिलाफ  सेबी ने ऑडिट का आदेश दिया है।

21 सितम्बर को जारी किए गए 3 अलग-अलग आदेशों में सेबी ने कहा था कि नियामक ने कहा कि पहली नजर में इन कंपनियों की गलत बयानी के सबूत पाए गए हैं और उनकी ओर से बुक और फंड के गलत उपयोग का संदेह पैदा होता है। नियामक का मानना है कि कंपनियों ने जिन नियमों का उल्लंघन किया है उसकी सीमा का पता लगाने के लिए एक ऑडिटिंग की जानी चाहिए।
 

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