Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Oct, 2017 08:47 AM
कर्ज के बोझ और घाटे की वजह से टैलीकॉम सैक्टर में अब छंटनी का खतरा मंडराने लगा है।
नई दिल्ली: कर्ज के बोझ और घाटे की वजह से टैलीकॉम सैक्टर में अब छंटनी का खतरा मंडराने लगा है। इंडस्ट्री अनुमान के मुताबिक करीब 1,50,000 डायरैक्ट और इनडायरैक्ट नौकरियां जा सकती हैं। टैलीकॉम सैक्टर इस समय बहुत अधिक कर्ज में दबा है जो कि एक अनुमान के मुताबिक करीब 8 लाख करोड़ रुपए है। इसके अलावा कस्टमर बेस बढ़ाने की प्रतिस्पर्धा में दिए जा रहे ‘मुफ्त आफर्स’ की वजह से कंपनियां घाटे में हैं।
यह सैक्टर कितनी मुश्किलों में है इसका अंदाजा संचार मंत्री मनोज सिन्हा के बयान से लगाया जा सकता है, जो उन्होंने हाल ही में इंडिया मोबाइल कांग्रेस में दिया। उन्होंने कहा कि सरकार सैक्टर में मौजूद दबाव से परिचित है। हम सुनिश्चित करेंगे कि सैक्टर मरे नहीं। इंडस्ट्री के जानकारों के मुताबिक टैलीकॉम कंपनियों के पास कॉस्ट कटिंग के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है इसलिए अब छंटनी का सहारा लिया जा सकता है।