छोटी कंपनियों का आयकर घटाकर 25%

Edited By ,Updated: 01 Feb, 2017 03:22 PM

25  of small companies  income tax reduced

सरकार ने स्व रोजगार को बढ़ावा देने और रोजगार के नए अवसर सृर्जित करने के लिए 50 करोड़ रुपए तक का कारोबार करने वाली छोटी कंपनियों राहत देते हुए इनका आयकर घटाकर 25 प्रतिशत करने की घोषणा की है।

नई दिल्लीः सरकार ने स्व रोजगार को बढ़ावा देने और रोजगार के नए अवसर सृर्जित करने के लिए 50 करोड़ रुपए तक का कारोबार करने वाली छोटी कंपनियों राहत देते हुए इनका आयकर घटाकर 25 प्रतिशत करने की घोषणा की है।   

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली ने आज संसद में पेश किए गए वर्ष 2017-18 का बजट पेश करते हुए कहा कि इससे सूक्ष्म, लघु और मध्यम स्तर की कंपनियों को अधिक अनुकूल बनाने तथा फर्मों को कंपनी के रुप में आगे बढऩे के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015-16 के आंकड़ों के अनुसार 6.94 लाख कंपनियां रिटर्न दाखिल कर रही हैं, जिसमें से 6.67 लाख कंपनियां इस श्रेणी में आती हैं। इसलिए इस प्रावधान से 96 प्रतिशत कंपनियां कम कराधान का लाभ उठाएंगी। इससे बड़ी कंपनियों की तुलना में छोटे उद्योगों का क्षेत्र अधिक प्रतिस्पर्धी बनेगा। इससे 7,200 करोड़ रुपए प्रति वर्ष का राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। 

वित्त मंत्री ने न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) मौजूदा 10 वर्षों के बजाय 15 वर्षों की अवधि तक बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। रियायतों को चरणबद्ध रूप से समाप्त करने की योजना 01 अप्रैल, 2017 से शुरू होगी और चरणबद्ध समाप्ति से राजस्व का पूरा लाभ सरकार को 7 से 10 वर्षों के बाद प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि विदेशी कंपनियों द्वारा विदेशी वाणिज्यिक ऋण राशियों या बॉण्ड और सरकारी प्रतिभूतियों ने अर्जित ब्याज पर पांच प्रतिशत रियायती विद-होल्डिंग दर का प्रभार लिया जा रहा है। यह रियायत 30 जून, 2017 तक चलेगी। वित्त मंत्री ने इस रियायत को 30 जून, 2020 तक बढ़ाने का प्रस्ताव किया है।  

स्टार्ट अप्स के संबंध में हानियों को बाद के वर्षों के लेखा-जोखा में समाहित करने के लिए मताधिकार के 51 प्रतिशत की निरंतर शेयरधारिता बनाए रखने की शर्त में ढील दी गई है लेकिन मूल प्रोमोटर हिस्सेदारी जारी रहेगी। इसके अलावा स्टार्ट अप्स को 5 में से 3 वर्षों के लिए लाभ से जुड़ी कटौती की रियायत को बदलकर 7 में से 3 वर्ष किया जा रहा है।

जेतली ने बैंकिंग क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए गैर निष्पादित परिसंपत्तियों के लिए प्रावधान को 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है। इससे बैंकों की देनदारी कम होगी। उन्होंने सभी अनुसूचित बैंकों के अनुसार सभी गैर-अनुसूचित सहकारी बैंकों के एनपीए खातों के संबंध में वास्तविक प्राप्ति पर प्राप्त होने वाले ब्याज पर कर लगाने का प्रस्ताव किया गया है। केंद्रीय मंत्री ने एलएनजी को ईंधन के साथ-साथ पैट्रो रसायन क्षेत्र के फील्ड स्टॉक के प्रयोग की व्यापकता पर विचार करते हुए एलएनजी पर मूल सीमा शुल्क को 5 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव किया है। घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहित करने तथा मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने अपने भाषण में कुछ वस्तुओं के संबंध में सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क में परिवर्तन करने का प्रस्ताव किया है।  

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