Edited By ,Updated: 08 Feb, 2017 07:22 PM
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास का मानना है कि राजकोषीय घाटे का सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) के 3.2 प्रतिशत का लक्ष्य आशावादी नहीं बल्कि व्यावहारिक है।
नई दिल्लीः आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास का मानना है कि राजकोषीय घाटे का सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) के 3.2 प्रतिशत का लक्ष्य आशावादी नहीं बल्कि व्यावहारिक है। इस बात की पूरी संभावना है कि राजस्व प्राप्ति लक्ष्य से अधिक रहेगी क्योंकि बजट में नोटबंदी से हुए अप्रत्याशित लाभ को शामिल नहीं किया गया है।
दास ने कहा, ‘‘राजस्व अनुमान से अधिक रहेगा क्योंकि लोग कह रहे हैं कि इसमें आपने रिजर्व बैंक से नोटबंदी की वजह से मिलने वाले अप्रत्याशित लाभ को शामिल नहीं किया है।’’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा अगले वित्त वर्ष में उन लोगों से कर संग्रहण किया जाएगा जो प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) का लाभ उठाने में विफल रहेंगे।
दास ने कहा, ‘‘बैंकिंग प्रणाली में जो अतिरिक्त नकदी आई है, आयकर विभाग ने पहले ही उन आंकड़ों का विश्लेषण किया है। बड़ी संख्या में एेसे बैंक खाते हैं जिनमें जमा पूरी तरह बेहिसाबी है और यह लोगों द्वारा जमा किए गए आयकर रिटर्न से मेल नहीं खाती।’’ उन्होंने कहा कि यदि एेसे लोग इस वित्त वर्ष में पीएमजीकेवाई योजना का लाभ नहीं उठाते हैं तो आयकर विभाग अगले साल इन मामलों पर आगे बढ़ेगा और उसे राजस्व मिलेगा। एेसे में राजस्व अगले साल बेहतर रहेगा।
अप्रत्यक्ष कर संग्रहण के मोटे अनुमान के बारे में दास ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) को पेश किया जाएगा इसलिए इसमें 8.8 प्रतिशत वृद्धि का ही अनुमान लगाया गया है। सरकार का वस्तु एवं सेवा कर को एक जुलाई से लागू करने का इरादा है।