130 कंपनियों से पंजाब की 500 कंपनियों ने खरीदे जी.एस.टी. के जाली बिल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Mar, 2018 04:35 AM

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जी.एस.टी. बिल घोटाले की परतें लंबी होती जा रही हैं। पंजाब की करीब 500 ऐसी कंपनियां सामने आई हैं जिन्होंने जाली बिल बेचने वाली 130 कंपनियों से बिल खरीदे हैं। इन पर पहले चरण में 30 करोड़ रुपए से ज्यादा की रिकवरी बन गई है। जिसे रिकवर करने के लिए...

लुधियाना: जी.एस.टी. बिल घोटाले की परतें लंबी होती जा रही हैं। पंजाब की करीब 500 ऐसी कंपनियां सामने आई हैं जिन्होंने जाली बिल बेचने वाली 130 कंपनियों से बिल खरीदे हैं। इन पर पहले चरण में 30 करोड़ रुपए से ज्यादा की रिकवरी बन गई है। जिसे रिकवर करने के लिए जी.एस.टी. विभाग उठ खड़ा हुआ है।

ये 500 कंपनियां स्टेट जी.एस.टी. और सैंट्रल जी.एस.टी. विभाग के पास रजिस्टर्ड हैं। इनमें हौजरी, धागे, निटवियर, फर्नेस, साइकिल व साइकिल पार्ट्स और आटो पार्ट्स की कंपनियां प्रमुख हैं। बीते दिनों पुलिस ने जो मनीष अग्रवाल और उसके साथी गुरप्रीत को पकड़ा था, उससे यह खुलासा हुआ है कि उसने 130 कंपनियां बना रखी थीं। इनका तीसरा साथी राजीव जिसे मुख्य सरगना माना जा रहा है वह अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। मनीष अग्रवाल ज्यूडीशियल कस्टडी में है और गुरप्रीत 2 दिन के पुलिस रिमांड पर है। 

पता चला है कि तीनों ने मिलकर 130 कंपनियां बनाई थीं। आगे इन्होंने बाजार में बिल बेचे। जिन कंपनियों को बिल बेचे उनके नाम इन्होंने पुलिस को और जी.एस.टी. विभाग को बता दिए हैं। सूची में छोटी-बड़ी करीब 500 कंपनियां सामने आई हैं जिन्होंने जी.एस.टी. बचाने और जाली रिफंड क्लेम करने के लिए आरोपियों की कंपनियों से जाली बिल खरीदे। जांच जोरों पर है और उम्मीद जताई जा रही है कि जी.एस.टी. की टैक्स चोरी 100 करोड़ से ऊपर भी जा सकती है। मनीष अग्रवाल अभी मात्र एक छोटा-सा प्यादा है। विभाग ने मंडी गोङ्क्षबदगढ़ और लुधियाना में बिल बेचने वाले जिन लोगों के यहां दबिश दी, उनकी जांच का नतीजा आना अभी बाकी है। 

मंडी में अभी भी धड़ल्ले से बिक रहे हैं जाली बिल
मंडी गोबिंदगढ़ टैक्स के जाली बिल बेचने का मुख्य अड्डा है। जाली बिल बेचने वाले गिरफ्तार भी हुए हैं और यहां छापे भी विभाग ने जमकर मारे लेकिन गिरोह के रूप में काम करने वालों को विभाग का बिल्कुल भी डर नहीं है। अभी भी अमन और गौरव नामक ऐसे गुट हैं जो मंडी की फर्नेस इकाइयों को बिना डर के धड़ल्ले से बिल बेच रहे हैं। इन्हें पकडऩे के लिए विभाग ने कई जगह हाथ-पांव मारे। परंतु अधिकारियों की पकड़ में नहीं आ पाए। लेकिन इतना पता चला है कि जी.एस.टी. विभाग ने इनके एच.डी.एफ.सी. मंडी गोङ्क्षबदगढ़ और केनरा बैंक लुधियाना की शाखा से अकाऊंट स्टेटमैंट ले ली है। विभाग अब उन फर्नेस इकाइयों पर दबिश देगा जिन्होंने अपने अकाऊंट से इनके अकाऊंट में एंट्री घुमाई है। 
 

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