Edited By ,Updated: 22 Nov, 2016 05:49 PM
बैंकों और ए.टी.एम. के बाहर लोगों की कतारें भले कम हुई हों और लोगों को नकदी निकासी में कम समय लग रहा हो लेकिन नकदी की तंगी से आम लोग अभी भी परेशान हैं।
मुंबई: बैंकों और ए.टी.एम. के बाहर लोगों की कतारें भले कम हुई हों और लोगों को नकदी निकासी में कम समय लग रहा हो लेकिन नकदी की तंगी से आम लोग अभी भी परेशान हैं। बांद्रा के रहने वाले इख्तियाज खान ने कहा, ‘‘शुरूआत में लोगों को अपने पुराने नोट बदलने के लिए 4 से 5 घंटे कतार में गुजारने पड़ रहे थे जो अब घटकर 20 मिनट करीब रह गया है लेकिन 2,000 रुपए नकदी निकासी की सीमा से हालात मुश्किल बने हुए हैं।’’
बड़े मूल्य के नोटों को प्रतिबंध करने की 2012 से मांग करते रहे एक आर.टी.आई. कार्यकर्ता मनोरंजन रॉय ने कहा कि पिछले 10 से 12 दिन समाज के हर तबके लिए परेशान करने वाले रहे हैं और इसमें बैंकिंग स्टाफ के लोग भी शामिल हैं। हालांकि उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि 2,000 रुपए के नए नोटों से फिर से कालाधन बढ़ सकता है।