Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Feb, 2018 12:38 PM
देश के 80 प्रतिशत एक्सपोर्टर्स का जी.एस.टी. रिफंड गत 7 महीने से अभी तक अटका हुआ है। छोटे एक्सपोर्टर्स को फंड्स समस्या इतनी ज्यादा है कि वे नए ऑर्डर नहीं ले रहे हैं क्योंकि उनके पास ऑर्डर पूरा करने के लिए कैश नहीं है। जी.एस.टी. सिस्टम में पहले...
नई दिल्लीः देश के 80 प्रतिशत एक्सपोर्टर्स का जी.एस.टी. रिफंड गत 7 महीने से अभी तक अटका हुआ है। छोटे एक्सपोर्टर्स को फंड्स समस्या इतनी ज्यादा है कि वे नए ऑर्डर नहीं ले रहे हैं क्योंकि उनके पास ऑर्डर पूरा करने के लिए कैश नहीं है। जी.एस.टी. सिस्टम में पहले एक्सपोर्टर्स टैक्स चुकाते हैं और उसके बाद रिफंड क्लेम करते हैं। बीते 7 महीने से रिफंड नहीं मिलने के कारण उनकी वर्किंग कैपिटल की समस्या बड़ी हो गई है।
नए ऑर्डर लेना किया बंद
फियो के अजय सहाय ने बताया कि जी.एस.टी. आने के बाद कैश फ्लो की समस्या बढ़ गई है जिस कारण एक्सपोर्टर्स को नए ऑर्डर रद्द करने पड़ रहे हैं। एम.एस.एम.ई. को फंड्स की समस्या के कारण अपना वर्कफोर्स भी कम करना पड़ा है।
कई ऐसे एक्सपोर्टर्स हैं जिन्होंने फंड्स नहीं होने के कारण नए ऑर्डर मना कर दिए हैं। जी.एस.टी. से पहले एक्सपोर्टर्स को ड्यूटी में छूट मिलती थी लेकिन जी.एस.टी. आने के बाद उन्हें पहले टैक्स चुकाना पड़ता है, उसके बाद चुकाए गए टैक्स का रिफंड क्लेम करना पड़ता है। इस प्रोसैस के कारण फियो के मुताबिक करीब 1.85 लाख करोड़ रुपए सरकार के पास अटके हुए हैं।
सरकार पोर्टल को करे ठीक
एक्सपोर्ट प्रोमोशन काऊंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट (ई.पी.सी.एच.) के चेयरमैन ओमप्रकाश प्रह्लाद ने कहा कि अभी तक इंडस्ट्री को रिफंड मिलना शुरू नहीं हुआ है। हैंडीक्राप्ट एक्सपोर्टर राजकुमार मल्होत्रा ने कहा कि सरकार ने भी माना है कि जी.एस.टी. पोर्टल में प्रॉब्लम है तो सरकार पहले इस समस्या को खत्म करे क्योंकि कस्टम के अधिकारी भी मान रहे हैं कि कस्टम के बिल में प्रॉब्लम नहीं है लेकिन जी.एस.टी. पोर्टल पर आई.जी.एस.टी. के साथ मिसमैच दिखा रहा है। मल्होत्रा ने कहा कि इसका सीधा नुक्सान कारोबार को हो रहा है क्योंकि वर्किंग कैपिटल 7 महीने से अटकी हुई है।