Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Feb, 2018 05:07 PM
पंजाब नैशनल बैंक (पी.एन.बी.) में हुए 11,400 करोड़ रुपए के महाघोटाले की खबर ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। अब इस घोटाले की जांच करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आर.बी.आई.) ने 84 साल के सीए येज्दी हिरजी मालेगम को चुना है।
नई दिल्लीः पंजाब नैशनल बैंक (पी.एन.बी.) में हुए 11,400 करोड़ रुपए के महाघोटाले की खबर ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। अब इस घोटाले की जांच करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आर.बी.आई.) ने 84 साल के सीए येज्दी हिरजी मालेगम को चुना है।
2016 तक आर.बी.आई. बोर्ड के सदस्य रहे मालेगम ने सबसे लंबे समय तक केंद्रीय बैंक को अपनी सेवाएं दी हैं। मालेगम की अध्यक्षता में बनी कमिटी का काम संभावित फ्रॉड के खतरों को पहचानने के अलावा बैंकों के एनपीए को देखना होगा।
जांच के लिए क्यों चुना मालेगम को?
आप जरूर हैरान होंगे कि महाघोटाले की जांच के लिए आखिर मालेगम को क्यों चुना गया? तो हम आपको बता दें कि सीए येज्दी हिरजी मालेगम को आर.बी.आई. का 'ब्योमकेश बख्शी' कहते हैं।
उनके बारे में आर.बी.आई. के पूर्व गवर्नर एम नरसिम्हन ने एक बार कहा था, ''जब देश में कोई बड़ी आपदा या संकट आता है तो सरकार कमिटी बनाकर उस समस्या का समाधान करती है। इसी तरह जब भी कभी आर.बी.आई. किसी तरह के संकट से जूझता है तो आर.बी.आई. मालेगम की अध्यक्षता में कमिटी बनाता है।'
आर.बी.आई. के रक्षक!
उनके साथ काम कर चुके कुछ बैंकर्स का कहना है कि मालेगम आर.बी.आई. में अपने प्रभाव को इंजॉय करते हैं। वह बैंक रेग्युलेटर आर.बी.आई. की कार्यप्रणाली में ट्रांसपरेंसी लाने के समर्थक नहीं रहे हैं। जब वह रिजर्व बैंक के फाइनैंशल सेक्टर लेजिस्लेटिव रिफॉर्म्स कमिशन के नॉमिनी थे, तब उन्होंने आर.बी.आई. के कैपिटल पर कंट्रोल का बचाव करते हुए नोट लिखा था।