Edited By ,Updated: 28 Jul, 2016 04:54 PM
सरकार ने एयर इंडिया को उसके ऋण भुगतान पर लगने वाले ब्याज की भरपाई इक्विटी की बजाय अनुदान के रूप में...
नई दिल्ली : सरकार ने एयर इंडिया को उसके ऋण भुगतान पर लगने वाले ब्याज की भरपाई इक्विटी की बजाय अनुदान के रूप में करने का फैसला किया है। सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया ने कुछ विमानों की खरीद के मद में कर्ज लिया था।
इसके लिए वह वर्ष 2012 से ही मूलधन तथा ब्याज का भुगतान कर रही है। यह राशि तकरीबन 4,000 करोड़ रुपए सालाना है। ऋण चुकाने में सरकार उसकी मदद कर रही है। वह हर साल उसे लगभग तीन हजार करोड़ रुपए की राशि दे रही है। इसमें कुछ हिस्सा मूलधन का और शेष ब्याज का है।
नागर उड्डयन मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव बी.एस. भुल्लर ने बताया कि मंत्रालय के एक प्रस्ताव के अनुसार, एयर इंडिया की बैलेंसशीट को मजबूती प्रदान करने के लिए ब्याज की राशि का भुगतान इक्विटी की बजाय नकद अनुदान के रूप में करने का फैसला किया गया है।
उन्होंने बताया कि इक्विटी के रूप में भुगतान करने से यह उसके बैलेंसशीट में आय के रूप में नहीं दिखता है, जबकि ब्याज के मद में खर्च दिख जाता है। इससे एयरलाइंस का वित्तीय परिणाम खराब हो रहा है। श्री भुल्लर ने स्पष्ट किया कि सिर्फ ब्याज वाला हिस्सा ही अनुदान के रूप में दिया जाएगा। इस प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय की मंजूरी मिल गई है।
अब इसे मंत्रिमंडलीय समिति के समक्ष रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रस्ताव में ब्याज के लिए ग्रांट की व्यवस्था वित्त वर्ष 2014-15 से करने की सलाह दी गई है। अब तक ऋण चुकाने के लिए सरकार एयर इंडिया से 23 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की इक्विटी खरीद चुकी है।