GST की निरपेक्ष दरों पर अगले महीने अंतिम फैसला: दास

Edited By ,Updated: 25 Oct, 2016 05:01 PM

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आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकान्त दास ने कहा कि सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) को अगले वित्त वर्ष से लागू करने को लेकर प्रतिबद्ध है।

नई दिल्ली: आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकान्त दास ने कहा कि सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) को अगले वित्त वर्ष से लागू करने को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने उम्मीद जताई कि राजस्व की नजर से जी.एस.टी. की निरपेक्ष दरों पर अगले महीने फैसला हो जाएगा। दास ने यहां उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा,‘‘दर ढांचे पर फिलहाल जी.एस.टी. परिषद और सार्वजनिक रूप से काफी विचार विमर्श चल रहा है। नवंबर के पहले सप्ताह में जी.एस.टी. परिषद की बैठक में इसे सुलझा लिया जाएगा। एक या दो बैठकों में हम इसको लेकर नतीजे पर पहुंच जाएंगे।’’

आलोचनाओं को खारिज करते हुए दास ने कहा कि दर ढांचे को बेहद व्यावहारिक आधार पर तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दर आवश्यक रूप से राजस्व की दृष्टि से निरपेक्ष होनी चाहिए। आप एेसा दर ढांचा नहीं बना सकते ,जिसमें सरकारों को भारी घाटा झेलना पड़े। एेसे में जी.एस.टी. दरों पर इस तरीके से काम किया जा रहा जिससे कि ज्यादातर उत्पाद मानक दर 18 प्रतिशत के दायरे में आएं। उन्होंने कहा कि जो उत्पाद बेहद महत्वपूर्ण हैं और विभिन्न वर्गों के लोगों तथा आम आदमी द्वारा जिनका इस्तेमाल किया जाता है, के लिए जी.एस.टी. दर छह प्रतिशत रखने का प्रस्ताव है। इसके अलावा 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दर का प्रस्ताव है। अहितकर उत्पादों के लिए अधिक उंची दर का प्रस्ताव है। पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने कल जी.एस.टी. के लिए बहु दर ढांचे के प्रस्ताव को ‘घातक’ बताया था।

दास ने जोर देकर कहा कि दिवाला कानून के साथ जीएसटी से भारतीय अर्थव्यवस्था में काफी गतिशीलता आएगी। उन्होंने कहा कि सरकार जी.एस.टी. को 1 अप्रैल, 2017 से लागू करने को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इसके लिए जो भी तैयारियों की जरूरत है, वह पूरी हो रही हैं। राज्य सरकारें भी इसे 1 अप्रैल से लागू करने को प्रतिबद्ध हैं।

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