ब्लाक स्तर पर खुलेंगे जन औषधि केन्द्र, मिलेंगी सस्ती दवाएं

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Feb, 2018 12:00 PM

affordable medicines will be available

सरकार ने असाध्य रोगों से पीड़ति लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने के लिए ब्लाक स्तर पर जन औषधि केन्द्र खोलने का संकल्प व्यक्त करते हुए कहा है कि अब तक विभिन्न स्थानों पर ऐसे 3177 केन्द्र खोले जा चुके हैं।

नई दिल्लीः सरकार ने असाध्य रोगों से पीड़ति लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने के लिए ब्लाक स्तर पर जन औषधि केन्द्र खोलने का संकल्प व्यक्त करते हुए कहा है कि अब तक विभिन्न स्थानों पर ऐसे 3177 केन्द्र खोले जा चुके हैं।  

रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार के अनुसार सरकार ब्लाक स्तर पर जन औषधि केन्द्र खोलने को लेकर प्रतिबद्ध है। जन औषधि केन्द्रों से हृदय रोग, कैंसर, टीवी, मधुमेह जैसी बीमारियों की दवाएं बाजार की तुलना में मामूली कीमत पर मिलती हैं। इन केन्द्रों से करीब 600 तरह की दवाएं एवं 150 स्वास्थ्य उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

देश में करीब दस हजार दवा निर्माता कम्पनियां हैं जिनमें से 1200 कम्पनियों की दवाएं विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक जीएमपी के तहत स्वीकृत हैं और इन्हीं कम्पनियों से जन आषधि केन्द्रों के लिए जेनरिक दवाओं की खरीद की जाती है। इन कम्पनियों की दवाएं दुनियां के करीब 200 देशों में बेची जाती है। 

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दौरान जन औषधि केन्द्रों की शुरूआत की गई थी लेकिन उस समय इन केन्द्रों की संख्या काफी कम थी और इनसे 150 दवाएं ही उपलब्ध कराई जाती थीं। मोदी सरकार नें जिला अस्पतालों के अलावा ब्लाक स्तर पर इन केन्द्रों की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया है। स्वयं सेवी संगठन भी इन केन्द्रों की स्थापना कर रहे हैं। इसके लिए सरकारी स्तर पर कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं।

सरकार ने आयुष्मान योजना की घोषणा की है जिसके तहत दस करोड़ परिवारों का स्वास्थ्य बीमा किया जाना है। कुमार ने कहा कि इस योजना के शुरू होने पर दवा निर्माता कम्पनियों का कारोबार दोगुना बढ़ने की संभावना है। देश में सालाना 2 लाख करोड़ रुपए की दवाओं का निर्माण किया जाता है जिसमें से एक लाख करोड़ रुपए की दवाओं का निर्यात होता है। आयुष्मान योजना के शुरू होने पर यह उत्पादन 4 लाख करोड़ रुपए का होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि योजना के अमल में आने के बाद गुणवत्तापूर्ण अस्पतालों की संख्या में 3 गुना वृद्धि करनी होगी और स्वास्थ्य से संबंधित आधारभूत सुविधाओं का व्यापक विस्तार करना होगा। इसके साथ ही बड़े पैमाने पर चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टाफ की भी जरुरत होगी जिससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा।

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