Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Sep, 2017 07:09 PM
रिलायंस समूह की दूरसंचार सेवा प्रदाता इकाई रिलायंस जियो ने इंटरकनेक्ट यूसेज चार्ज (आई.यू.सी.) को लेकर एक सप्ताह में
नई दिल्लीः रिलायंस समूह की दूरसंचार सेवा प्रदाता इकाई रिलायंस जियो ने इंटरकनेक्ट यूसेज चार्ज (आई.यू.सी.) को लेकर एक सप्ताह में दूसरी बार प्रतिद्वंद्वी कंपनी भारती एयरटेल के खिलाफ दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) से शिकायत की है। रिलायंस जियो ने ट्राई को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि उसके पहले पत्र के बाद कंपनी मीडिया के माध्यम से अपने बचाव में बिना किसी मजबूत तर्क के ऐसी दलीलें दे रही है जो उसकी अपनी ही वित्तीय रिपोर्टों से इतर हैं। उसने कहा है कि एयरटेल नियामक को भ्रमित कर आई.यू.सी. पर नीतियों को प्रभावित करने के प्रयास कर रही है।
जियो ने पहले पत्र में एयरटेल के पिछले पाँच साल के आई.यू.सी. के आँकड़े पेश करते हुये आरोप लगाया था कि सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता आई.यू.सी. ग्राहकों से वसूल रही है और उसे इस मद में नुकसान नहीं हो रहा है, जैसा कि वह दावा कर रही है। जियो के पत्र के अनुसार, एयरटेल ने उस पर तथ्यों की गलत व्याया का आरोप लगाया है और नेट एमओयू की जगह सकल एमओयू को गणना में शामिल कर लिया था। हालिया पत्र में रिलायंस इंडस्ट्रीज की इकाई ने कहा है कि एयरटेल ने खुद अपनी वित्तीय रिपोर्टों में सकल एमओयू के आधार पर दूसरे ऑपरेटरों द्वारा किये गये भुगतान की गणना की है।
उसने आगे कहा है कि दुनिया भर में आई.यू.सी. की गणना इसी आधार पर की जाती है। जियो ने आरोप लगाया है कि एयरटेल अनजान होने का नाटक कर रही है और इस बात पर चुप्पी साधे हुये है कि वह दूसरे ऑपरेटरों को भुगतान के लिए अपने ग्राहकों से आई.यू.सी. वसूल रही है। जियो ने कहा है कि एयरटेल के तर्कों मे कोई दम नहीं है और ट्राई से अनुरोध किया है कि वह उसे खारिज कर दे। उसने कहा कि एयरटेल अपने नेटवर्क और दूसरे नेटवर्क पर कॉल के लिए अलग-अलग शुल्क वसूलती है और इसलिए वह दूसरे नेटवर्क पर कॉल करने के लिए ग्राहकों से अतिरिक्त शुल्क ले रही है। उसने इस बारे में एयटेल से सार्वजनिक सफाई की माँग की है।