Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Nov, 2017 01:09 PM
सरकार ने टिकट रद्द करने पर एयरलाइनों को लगाए जाने वाले शुल्क (कैंसलेशन चार्ज) की समीक्षा करने का आदेश दिया है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उसका मानना है कि यह बहुत ज्यादा है। सरकार का मानना है कि घरेलू उड़ानों के टिकट रद्द करने पर कई एयरलाइन्स...
नई दिल्ली: सरकार ने टिकट रद्द करने पर एयरलाइनों को लगाए जाने वाले शुल्क (कैंसलेशन चार्ज) की समीक्षा करने का आदेश दिया है। एक मीडिया रिपोर्ट के सरकार का मानना है कि घरेलू उड़ानों के टिकट रद्द करने पर कई एयरलाइन्स कंपनियां 3 हजार का जो चार्ज काटती हैं, वह बहुत ज्यादा है और कंपनियों को यह निर्णय वापस लेना होगा।
सरकार जल्द ही इस मामले में एयरलाइन्स कंपनियों से बात करेगी और उन्हें कैंसल चार्ज कम कर इसे उपयुक्त अमाउंट पर लाने को कहेगी। हवाई टिकट कैंसल करने पर 3 हजार का भारी-भरकम चार्ज करने पर सरकार खुश नहीं है। विमानन मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा, ‘हमें लगता है कि चार्ज काफ़ी ज़्यादा है और यात्रियों को इससे परेशानी हो रही है। कई मामलों में तो यह चार्ज टिकट की कीमत से भी ज्यादा हो जाता है। इसे संतुलन में लाने की ज़रूरत है।’ पिछले साढ़े तीन साल के दौरान भारत में हवाई यात्रा करने वालों की संख्या दोगुनी हो गई है।
इनमें कई ऐसे हैं जिन्होंने पहली बार हवाई उड़ान का अनुभव लिया। सरकार के मुताबिक उन्हें अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक बनाने की ज़रूरत है। सिन्हा ने बताया कि सरकार यात्रियों के अधिकारों के लिए एक बिल (पीबीओआर) बनाने की भी तैयारी कर रही है। इसमें ख़राब सेवा के बदले यात्री को मुआवज़े देने का प्रस्ताव भी शामिल हो सकता है। सिन्हा ने कहा, हम अपनी ‘उड़ान’ (क्षेत्रीय उड़ानों पर मिलने वाली आर्थिक छूट) स्कीम की ही बात करें, तो इस पर हमने 2500 प्रतिघंटे की फ्लाइंग कैप नियुक्त किया है। ऐसे में कैंसलेशन चार्ज को वापस लेकर इनमें संतुलित करने की जरूरत है।’