आजादी के 100वें साल तक देश में बिकने वाले सभी वाहन होंगे इलेक्ट्रिक

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Dec, 2017 04:38 PM

all vehicles sold in country will be electric till 100th year of independence

आटोमोबाइल उद्योग के संगठन सियाम का कहना है कि देश की आजादी के सौंवे साल यानी 2047 तक यहां बिकने वाले सभी नए वाहन पूरी तरह से इलेक्ट्रिक यानी बिजली चालित हो जाएंगे। हालांकि विभिन्न शहरों के बीच सार्वजनिक परिवहन बेड़े को 2030 तक ही इलेक्ट्रिक किया जा...

नई दिल्लीः आटोमोबाइल उद्योग के संगठन सियाम का कहना है कि देश की आजादी के सौंवे साल यानी 2047 तक यहां बिकने वाले सभी नए वाहन पूरी तरह से इलेक्ट्रिक यानी बिजली चालित हो जाएंगे। हालांकि विभिन्न शहरों के बीच सार्वजनिक परिवहन बेड़े को 2030 तक ही इलेक्ट्रिक किया जा सकता है।

सोसायटी आफ इंडियन आटोमोबाइल मेन्युफेक्चरर्स (सियाम) ने इलेक्ट्रिक वाहन बाजार पर श्वेत पत्र आज सरकार को सौंपा। सियाम ने अपने श्वेत पत्र में कहा है कि उसका लक्ष्य है कि 2030 तक देश में बिकने वाले नये वाहनों में से 40 प्रतिशत पूरी तरह इलेक्ट्रिक हो। संगठन ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जबकि सरकार चाहती है कि 2030 तक देश में सार्वजनिक मोबिलिटी पूरी तरह इलेक्ट्रिक चालित हो जाए। वहीं इस अवधि में व्यक्तिगत मोबिलिटी वाले 40 प्रतिशत वाहन इलेक्ट्रिक करने का लक्ष्य है। हालांकि पूर्व बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने इस साल अप्रैल में कहा था कि विचार यही है कि 2030 तक देश में एक भी पेट्रोल या डीजल चालित वाहन नहीं बिके।

सियाम ने 2047 में देश की स्वतंत्रता की सौंवी वर्षगांठ तक देश में 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन (बैटरी इलेक्ट्रिक या ईंधन सेल) करने का प्रस्ताव करते हुए एक रूपरेखा पेश की है जिसके तहत 2030 तक देश में बिकने वाले 60 प्रतिशत नये वाहनों में हाइब्रिड या अन्य वैकल्पिक ईंधन जैसी हरित प्रौद्योगिकी वाले होंगे। सियाम के अध्यक्ष अभय फिरोदिया ने कहा कि इस दृष्टिकोण का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए सरकार व विभिन्न भागीदारों को 100 प्रतिशत प्रतिबद्धता के साथ मिलकर काम करना होगा व निवेश करना होगा। उन्होंने कहा कि पूरी तरह इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढऩे के लिए हमें अगले दशक में इंजन उन्नयन पर काम करते रहना होगा। सियाम के श्वेत पत्र के अनुसार भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए मजबूत बाजार व विनिर्माण परिदृश्य बनाए जाने की जरूरत है और इस बारे में नीति आने वाले समय में सतत रहनी चाहिए ताकि यह उद्योग पूरे विश्वस के साथ निवेश कर सके।

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