Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Mar, 2018 12:55 PM
सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह को निर्देश दिया कि वह अपने मकान खरीदारों के साथ 17 मार्च को बैठक करके अपनी उन परियोजनाओं की स्थिति के बारे में आम सहमति बनाएं जो पूरी होने वाली हैं। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति उदय यू ललित की पीठ ने कहा कि...
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह को निर्देश दिया कि वह अपने मकान खरीदारों के साथ 17 मार्च को बैठक करके अपनी उन परियोजनाओं की स्थिति के बारे में आम सहमति बनाएं जो पूरी होने वाली हैं। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति उदय यू ललित की पीठ ने कहा कि आम्रपाली समूह के प्रतिनिधियों और मकान खरीदारों के बीच यह बैठक सुप्रीम कोर्ट के परामर्श कक्ष में 17 मार्च को होगी। पीठ ने कहा कि इस बैठक के बाद उसकी विभिन्न परियोजनाओं के पूरा होने के समय, अधूरी परियोजनाओं और दूसरे मुद्दों सहित विभिन्न पहलुओं पर एक आम सहमति बनानी होगी।
पीठ ने कहा, ‘‘संयुक्त बयान और प्रस्ताव 27 मार्च से पहले कोर्ट में दाखिल किए जाएं ताकि हम पक्षकारों की समस्याओं पर एक व्यापक रूख अपना सकें। दाखिल किए जाने वाले प्रस्ताव चार्ट के रूप में होने चाहिए जिसमे पूरा होने वाली परियोजनाओं के लिए आवश्यक समय और जिनमें अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है, उनके विवरण होने चाहिए।’’ पीठ ने कहा कि आम सहमति पर पहुंचने की आवश्यकता है क्योंकि हम चाहते हैं कि खरीदारों को उनके घर यथा शीघ्र मिलें। धन की वापसी समस्या का हल नहीं है। शीर्ष अदालत ने 22 फरवरी को कहा था कि वह मकान खरीदारों की परेशानी समझती है और रियल इस्टेट फर्म को उनकी इस परेशानी पर विचार करके आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के प्रस्ताव का पालन करना चाहिए और समय सीमा के भीतर उन्हें मकान का कब्जा देना चाहिए।
आम्रपाली समूह ने इससे पहले कोर्ट को अपनी आवासीय परियोजनाओं और उनके विभिन्न चरणों के कार्य तथा निर्माण कार्य पूरा होने के संभावित समय से अवगत कराया था। उसने कहा था कि उसकी लीशर पार्क परियोजना के 19 टावरों से संबंधित कार्य का हवाला दिया था और कहा था कि इनका काम पूरा होने और मकान का कब्जा देने में तीन से 15 महीने का वक्त लगने की संभावना है तथा इन टावरों का काम पूरा करने के लिए 87.28 करोड़ रूपए की आवश्यकता होगी।