काम नहीं तो इंक्रीमेंट नहीं, सरकार ने तय किए बेंचमार्क

Edited By ,Updated: 26 Jul, 2016 07:00 PM

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सरकारी कर्मचारियों के एनुअल इंक्रीमेंट के लिए सरकार ने बेंचमार्क तय किया है। इसमें अच्छा और बहुत अच्छा का विकल्प होगा।

नई दिल्लीः सरकारी कर्मचारियों के एनुअल इंक्रीमेंट के लिए सरकार ने बेंचमार्क तय किया है। इसमें अच्छा और बहुत अच्छा का विकल्प होगा। सरकार का कहना है कि जो तय किए गए बेंचमार्क पर खरा नहीं उतरेगा यानी जिसकी परफॉर्मेंस अच्छी नहीं होगी, उसका एनुअल इंक्रीमेंट नहीं किया जाएगा। 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए जारी नोटिफिकेशन में वित्त मंत्री ने ये बातें कही हैं।

तय बेंचमार्क पूरा करना जरूरी होगा
बता दें कि पे पैनल ने यह रिकमंड किया था कि उन कर्मचारियों की सैलरी में एनुअल इंक्रीमेंट नहीं होना चाहिए जो पहले 20 साल की सेवा के दौरान एमएसीपी या रेग्युलर प्रमोशन के लिए तय बेंचमार्क को पूरा नहीं करते हैं। वित्त मंत्री के अनुसार मोडीफाइड अस्योर्ड करियर प्रोग्रेसन (एमएसीपी) स्कीम पहले की तरह जारी रहेगी। कर्मचारियों को 10, 20 और 30 साल की सेवा में एमएसीपी मिलता है। इससे तय होता है कि कर्मचारियों की परफॉर्मेंस कैसी रही है। एमएसीपी का संबंध सीधे किसी कर्मचारी के कामकाज से जुड़ा होता है।

काम करने की क्षमता में होगा सुधार
सरकार का मानना है कि इससे सरकारी कर्मचारियों के काम करने की क्षमता में सुधार आएगा। वहीं यह लापरवाह और नॉन परफॉर्मर कर्मचारियों के लिए प्रतिरोधक का काम करेगा। ऐसे कर्मचारी वॉलंटियरी रिटायरमेंट की तय शर्तों पर ही सेवा से मुक्त हो सकते हैं।

बहुत से कर्मचारी एमएसीपी पर गंभीर नहीं
बता दें कि पे पैनल ने सरकार को दी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि बहुत से कर्मचारी ऐसा मानते हैं कि सैलरी इंक्रीमेंट और प्रमोशन रूटीन प्रोसेस है। वहीं वे एमएसीपी को भी गंभीरता से नहीं लेते हैं। ऐसे में नॉन परफॉर्मर कर्मचारियों को इंक्रीमेंट नहीं मिलना चाहिए।

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