Edited By ,Updated: 21 Jan, 2017 01:22 PM
रियल एस्टेट बिजनेस को नोटबंदी और ‘रियल एस्टेट रेगुलेटरी ऐक्ट’ (आरईआरए) की वजह से काफी नुकसान हुआ है।
नई दिल्लीः रियल एस्टेट बिजनेस को नोटबंदी और ‘रियल एस्टेट रेगुलेटरी ऐक्ट’ (आरईआरए) की वजह से काफी नुकसान हुआ है। लेकिन अब खरीदारों के लिए माहौल को अनुकूल बनाने के लिए सरकार इस साल बजट में कुछ खास रियायतों की घोषणा कर सकती है। 2016 तक खरीदारों का मुख्य सवाल यह था कि जिस प्रोजेक्ट में वह घर ले रहे हैं। क्या वह समय से पूरा हो पाएगा? आरईआरए के नियमों को बनाते समय खरीदारों के अधिकारों की रक्षा और उनके हितों को ध्यान में रखा गया।
रेंटल हाउसिंग को मिले बढ़ावा
सरकार पहले ही यह कहा चुकी है कि उसका लक्ष्य 2022 तक ‘सभी के लिए घर’ है। गेरा डेवलपमेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर रोहित गेरा के अनुसार सरकार को रियल एस्टेट में उछाल लाने के लिए कुछ उपाय करने होंगे। उनकी सलाह है कि 3 साल के भीतर 90 फीसदी तक अपने प्रोजेक्ट को पूरा कर सकने वाले प्रोजेक्टों को टैक्स-फ्री कर देना चाहिए। यह उन बड़े प्रोजेक्टों के लिए बड़ी राहत का काम करेगा जिन्हें अभी 3 साल के भीतर पूरा कर पाना संभव नहीं है। उनकी यह भी सलाह है कि सरकार को रेंटल हाउसिंग को बढ़ावा देना चाहिए और रेंटल इनकम पर ठीक ठाक छूट देनी चाहिए।
इंवेंटरी खरीदने के लिए लोगों को प्रोत्साहन
लोगों को बाजार में मौजूद इंवेंटरी खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार को चाहिए कि वह 5 वर्षों के लिए फ्लैट के खरीदारों को ब्याज के दोगुने पर आयकर में छूट दे। इससे प्रभावी ब्याज दर में कमी आएगी और रियल एस्टेट गतिविधियों में आने वाली तेजी से अन्य स्रोतों के जरिए सरकार की आमदनी में जो बढ़ौतरी होगी, उससे कर छूट के कारण होने वाला नुकसान पूरा हो जाएगा।
काला धन रोकने के लिए उठाने चाहिए कदम
रियल एस्टेट में काले धन की जमाखोरी को रोकने के लिए इस बजट में सरकार को कुछ कदम उठाने चाहिए। इसके लिए सबसे आसान तरीका है कि यह नियम बना दिया जाए कि कोई भी कंपनी अपने पूरे महीने के खर्च का सिर्फ 1 फीसदी ही कैश में कर सकती है। बाकी खर्चों का भुगतान उसे चेक से करना होगा।