Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Jul, 2017 02:39 PM
दुनियाभर में समाज के गरीब और वंचित तबके तक सुविधाएं पहुंचाने और उनके वित्तीय समावेशन....
हैमबर्गः दुनियाभर में समाज के गरीब और वंचित तबके तक सुविधाएं पहुंचाने और उनके वित्तीय समावेशन में सुधार लाने के लिए आंकड़ों और विश्लेषणात्मक आकलन के इस्तेमाल पर छिड़ी चर्चा के बीच भारत की आधार प्रणाली को यहां सराहा गया। बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार करने और नकदी का इस्तेमाल कम करने की दिशा में काम करने वाली जी20 देशों द्वारा वित्तीय सुधारों पर गठित एक वैश्विक संस्था ने भारत की आधार प्रणाली की इस मामले में प्रशंसा की है।
बैंकिंग दायरे में आने वालों की संख्या में गिरावट
वित्तीय स्थिरता बोर्ड (एफ.एस.बी.) ने बैंक प्रतिनिधि व्यवस्था (कोरेसपोंडेन्ट बैंकिंग रिलेशनशिप) में गिरावट की समस्या को समझने और उसका आकलन करने संबंधी अपनी प्रगति रिपोर्ट में कहा है कि इस संबंध में उसकी कारवाई योजना में अच्छी प्रगति हुई है लेकिन संख्या में गिरावट लगातार बनी हुई है। इसमें कहा गया है कि बैंकिंग सहयोगी के दायरे में आने वालों की संख्या में गिरावट आना अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता की बात है।
कल शुरु होगा G20 शिखर सम्मेलन
बैंक प्रतिनिधि से आशय ऐसी व्यवस्था से है जिसमें दूसरे वित्तीय संस्थानों की तरफ से सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। यह अन्य वित्तीय संस्थानों की तरफ से जमा स्वीकार करता है और अन्य लेन-देन करता है। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय भुगतानों में आने वाली समस्या और कुछ भुगतनों के अंडरग्राउंड चैनलों के जरिए चलाए जाने के मुद्दों पर भी गौर किया गया। एफ.एस.बी. ने कहा कि इसका वित्तीय समावेश पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है और साथ ही वित्तीय प्रणाली की स्थिरता पर भी प्रभाव पड़ रहा है। एफ.एस.बी. ने इस संबंध में अपनी कार्य योजना को जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर सौंप दिया है। यह सम्मेलन यहां कल से शुरू हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के नेता इसमें पहुंच रहे हैं।