Edited By ,Updated: 01 Oct, 2016 03:51 PM
सरकार की इनकम डिसक्लोजर स्कीम (आई.डी.एस.) के तहत लगभग 64,275 लोगों ने 65,250 करोड़ रुपए के कालेधन का खुलासा किया।
नई दिल्लीः सरकार की इनकम डिसक्लोजर स्कीम (आई.डी.एस.) के तहत लगभग 64,275 लोगों ने 65,250 करोड़ रुपए के कालेधन का खुलासा किया। वित्त मंत्री अरुण जेतली ने आज एक प्रेस कांफ्रैंस में यह जानकारी दी। आय घोषणा योजना 2016 की शुरूआत 01 जून को की गई थी तथा 30 सितंबर यह खत्म हुई। जेतली ने बताया कि यह राशि और बढ़ सकती है क्योंकि अभी आवेदनों को एकत्र करने का काम चल रहा है। जेतली ने कहा कि कालाधन घोषित करने वालों के नाम सार्वजनिक नहीं किए जाएंगे। सरकार ने इस वर्ष के आम बजट में इस योजना की घोषणा की थी। इसके तहत अघोषित आय/संपत्ति के वर्तमान बाजार मूल्य का 45 प्रतिशत कर एवं जुर्माने के रूप में देना होगा। वित्त मंत्री ने योजना को सफल बताया और कहा कि अंतिम आंकड़ों की घोषणा केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड करेगा।
जेतली ने क्या कहा
वित्त मंत्री ने कहा कि एच.एस.बी.सी. लिस्ट में 8000 करोड़ रुपए का कर निर्धारण कर दिया गया। जेतली ने कहा कि डॉमेस्टिक ब्लैकमनी कंप्लायंस स्कीम के अंतर्गत 65,250 करोड़ रुपए की अघोषित आय और एसेट घोषित कर दी गईं। उन्होंने कहा कि पूरा ब्योरा मिलने के बाद ब्लैकमनी डेक्लेरेशन के आंकड़े बाद में रिवाइज किए जा सकते हैं। 64,275 लोगों ने डिसक्लोजर किए गए हैं।
भारत में थाईलैंड के जी.डी.पी. से ज्यादा है ब्लैकमनी
जेतली ने कहा कि भारत में ब्लैकमनी थाईलैंड जैसे देश के जी.डी.पी. से ज्यादा है। सरकार ने इलीगल ट्रांजैक्शन को रोकने के लिए बेनामी एक्ट को पूरी तरह से बदलकर रख दिया। सरकार ने बीते ढाई साल के दौरान टैक्स कंप्लायंस में सुधार और टैक्स चोरी रोकने के लिए कई कदम उठाए।