Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Feb, 2018 02:21 PM
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी एसोसिएशन (एआईबीईए) ने बैंकों के निजीकरण की एसोचैम की मांग को निंदनीय बताते हुए आज कहा कि उद्योग संगठन को अपने सदस्यों को बैंक ऋण का भुगतान करने की सलाह देनी चाहिए और बैंकों के साथ धोखाधड़ी करने के लिए अरबपति ज्वेलरी डिजाइनर...
नई दिल्लीः अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी एसोसिएशन (एआईबीईए) ने बैंकों के निजीकरण की एसोचैम की मांग को निंदनीय बताते हुए आज कहा कि उद्योग संगठन को अपने सदस्यों को बैंक ऋण का भुगतान करने की सलाह देनी चाहिए और बैंकों के साथ धोखाधड़ी करने के लिए अरबपति ज्वेलरी डिजाइनर नीरव मोदी की निंदा करनी चाहिए।
एआईबीईए के महासचिव सी वेंकटाचलम ने कहा कि यह सच में विचित्र और दिलचस्प है कि औद्योगिक और कारोबारी घरानों के प्रवक्ता एसोचैम ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के घोटाले के संदर्भ में बैंकों के निजीकरण की सलाह दी है। वे सुविधानुसार इस देश के निजी बैंकों के ट्रैक रिकॉर्ड को भूल गए हैं। अगर निजी बैंक वास्तव में सक्षम होते तो आखिर ये बंद क्यों हुए और दूसरे बैंकों के साथ इनका विलय क्यों हुआ।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कई निजी बैंकों की असफलता के जहर को पीने वाले नीलकण महादेव (नीलकंठ महादेव) हो गए हैं और यह हास्यास्पद है कि एसोचैम अब सरकारी बैंकों के निजीकरण की मांग कर रहा है। हम उनका लोभ समझते हैं लेकिन वे यह दावा नहीं कर सकते हैं कि निजी बैंक अधिक सक्षम हैं।