Edited By ,Updated: 25 Mar, 2017 04:55 PM
1 अप्रैल के बाद भारत स्टैंडर्ड-3, यानि बीएस-3 गाड़ियों की बिक्री पर ऑटो कंपनियों को जुर्माना भरना पड़ सकता है। बता दें कि सरकार ने 1 अप्रैल से सिर्फ बीएस-4 एमिशन नॉर्म वाली गाड़ियों की बिक्री का नियम बनाया है
नई दिल्लीः 1 अप्रैल के बाद भारत स्टैंडर्ड-3, यानि बीएस-3 गाड़ियों की बिक्री पर ऑटो कंपनियों को जुर्माना भरना पड़ सकता है। बता दें कि सरकार ने 1 अप्रैल से सिर्फ बीएस-4 एमिशन नॉर्म वाली गाड़ियों की बिक्री का नियम बनाया है लेकिन ऑटो कंपनियों ने पहले से बनाई जा चुकी बीएस-3 गाड़ियों की स्टॉक खत्म होने तक बिक्री जारी रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट से ऑटो कंपनियों के संगठन सियाम ने कहा कि पहले भी बीएस-2 और बीएस-3 लागू होते वक्त पुराना स्टॉक क्लीयर करने का मौका मिला था। इस पर सरकार की तरफ से कहा गया कि ऑटो कंपनियां जानकारी के बावजूद बीएस-3 गाड़ियां बना रही थीं, जबकि सरकार ने बीएस-4 इंधन की टैक्नोलॉजी पर 18 से 20 हजार करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
अब सुप्रीम कोर्ट ने 3 विकल्प सुझाए हैं - या तो बीएस-3 गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन पर बैन लगाया जा सकता है, या सिर्फ बड़े शहरों में इनके चलने पर बैन लगाया जा सकता है, या फिर ऑटो कंपनियों से जुर्माना वसूलकर सरकार के बोझ को थोड़ा कम किया जा सकता है। कोर्ट 27 फरवरी यानि सोमवार को इस पर कोई फैसला करेगा।