बैड बैंक लाने की तैयारी कर रही है सरकार!

Edited By ,Updated: 04 Feb, 2017 01:43 PM

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बैड बैंक यानि बैंकों के लगातार बढ़ते एनपीए का एक बड़ा बैंक।

नई दिल्लीः बैड बैंक यानि बैंकों के लगातार बढ़ते एनपीए का एक बड़ा बैंक। इसकी चर्चा एक बार फिर तेज होनी लगी है। हालांकि बजट में इस पर कुछ भी नहीं है, लेकिन इकोनॉमिक सर्वे में इसका जिक्र किया गया है। पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने बैड बैंक का विरोध किया था लेकिन एनपीए की परेशानी बढ़ने से अब सरकार को ये फैसला जरूरी लग रहा है।

क्या है बैड बैंक
बैड बैंक, एक ऐसा बैंक होगा जो दूसरे बैंकों के डूबते कर्ज को खरीदेगा। बैड बैंक का नाम पब्लिक सेक्टर एसेट रिहैबिलिटेशन एजेंसी यानी पीएआरए होगा। जर्मनी, स्वीडन, फ्रांस जैसे देशों में ये प्रयोग सफल रहा है। बता दें कि बैड बैंक एआरसी यानि एसेट रीकंसट्रक्शन कंपनी की तरह काम करेगा।

बैड बैंक की जरूरत
बैंक खासकर पीएसयू बैंकों का एनपीए तेजी से बढ़ा है। वित्त वर्ष 2017 की पहली छमाही में कुल एनपीए 6.7 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। कुल कर्ज का करीब 9.7 फीसदी एनपीए हो चुका है और करीब 80 फीसदी एनपीए सरकारी बैंक के खाते में है।
बैड बैंक के आने से दूसरे बैंकों से डूबते कर्ज को वसूलने का दबाव हट जाएगा। दूसरे बैंक नए लोन देने पर फोकस कर पाएंगे। बैंकों को अपने डूबते कर्ज बैड बैंक को बेचने की सुविधा मिलेगी। बीमार कंपनियों की संपत्ति बेचने के काम में तेजी आएगी। बैंक अधिकारी रिकवरी की जगह कारोबार बढ़ाने पर फोकस करेंगे।

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