Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Nov, 2017 12:47 PM
खराब टैबलेट को सही नहीं करना कम्पनी को महंगा पड़ा। उपभोक्ता फोरम ने कम्पनी को ब्याज सहित टैबलेट का दाम वापस करने का निर्देश दिया है। साथ ही वाद खर्च 2000 रुपए देने का भी आदेश दिया है।
गोरखपुर: खराब टैबलेट को सही नहीं करना कम्पनी को महंगा पड़ा। उपभोक्ता फोरम ने कम्पनी को ब्याज सहित टैबलेट का दाम वापस करने का निर्देश दिया है। साथ ही वाद खर्च 2000 रुपए देने का भी आदेश दिया है।
क्या है मामला
सिंघडिय़ा निवासी शिक्षक संजय कुमार सिंह ने 22 नवम्बर, 2013 को अपने बेटे सूर्यप्रताप के लिए एक ब्रांडेड कम्पनी का 5800 रुपए में टैबलेट खरीदा। टैबलेट की एजैंसी ने धारक को एक साल की गारंटी भी दी। कुछ दिन बाद ही टैबलेट में खराबी आ गई। उसने शिकायत की तो पता चला कि इस मॉडल का टैबलेट एक साल पहले बंद हो चुका है। यह सुनकर उसने इसे बदलने को कहा तो अतिरिक्त चार्ज की मांग की गई। इसके चलते एक बार फिर से टैबलेट को ठीक करने के लिए दिया। कुछ दिन बाद बेटे की छमाही परीक्षा के लिए दूसरे टैबलेट की मांग की गई। एजैंसी ने उनकी बात को अनसुना कर दिया। इस लापरवाही के कारण पुत्र को परीक्षा में कम अंक प्राप्त हुए। इस पर उपभोक्ता फोरम में परिवाद दाखिल किया गया।
क्या कहा फोरम ने
फोरम के अध्यक्ष विजय प्रकाश मिश्र व सदस्य ब्रजेश कुमार मिश्र ने एजैंसी धारक टाऊन हाल अग्रवाल कम्प्यूटर्स शाही मार्कीट और कंपनी को टैबलेट की धनराशि 5800 रुपए खरीदने की तिथि से 9 प्रतिशत वाॢषक साधारण ब्याज सहित क्षतिपूॢत के साथ मानसिक पीड़ा होने के चलते 5000 और वाद खर्च 2000 रुपए हर्जाने के रूप में देने का आदेश दिया है।