Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Feb, 2018 11:09 AM
बैंकिंग क्षेत्र में एक के बाद एक सामने आ रहे घोटालों के मद्देनजर बैंक अपना मुनाफा सुरक्षित रखने के लिए कर्मचारियों द्वारा की जाने वाली गड़बड़ी पर बीमा कवर बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र बैंक के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘‘11,400 करोड़...
नई दिल्लीः बैंकिंग क्षेत्र में एक के बाद एक सामने आ रहे घोटालों के मद्देनजर बैंक अपना मुनाफा सुरक्षित रखने के लिए कर्मचारियों द्वारा की जाने वाली गड़बड़ी पर बीमा कवर बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र बैंक के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘‘11,400 करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले और 390 करोड़ रुपए के ओरियंटल बैंक आफ कामर्स (ओबीसी) घोटाले जैसे बड़े मामलों ने हमें विभिन्न बैंकों द्वारा अपनायी जा रही आम बैंकर क्षतिपूर्ति नीति से अधिक कवर वाली नीति पर विचार करने को मजबूर किया है।’’
उन्होंने कहा कि आंतरिक जोखिम प्रणाली एवं निगरानी को मजबूत किए जाने के अलावा बैंकों को कर्मचारियों की संलिप्तता वाले मामलों का बीमा कवर बढ़ाने पर विचार करना होगा। यह बैंक के बही खाते को सुरक्षित बनाएगा। पंजाब नेशनल बैंक के पास अभी आम बैंकर क्षतिपूर्ति नीति है जो कर्मचारियों की संलिप्तता वाले दो करोड़ रुपए तक के मामले को ही बीमा सुरक्षा प्रदान करता है। यह सीमा नीरव मोदी, मेहुल चौकसी एवं अन्य लोगों के द्वारा पीएनबी की एक मुंबई शाखा में किए गए 11,400 करोड़ रुपए के घोटाले का 0.2 प्रतिशत भी नहीं है।
इसके कुछ ही दिन बाद दिल्ली के एक हीरा आभूषण कारोबारी द्वारा ओबीसी के साथ 390 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया। इन दोनों घटनाओं के बीच में रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी द्वारा 3,695 करोड़ रुपए के घोटाले का भी मामला दर्ज हुआ। भारतीय स्टेट बैंक ने भी 2016-17 के दौरान 837 मामलों में 2,424.74 करोड़ रुपए के घोटाले की जानकारी दी है।