Edited By ,Updated: 28 Mar, 2017 12:48 PM
सुप्रीम कोर्ट की ओर से आधार की अनिवार्यता पर सवाल उठाने के बाद मोदी सरकार ने मंगलवार को यह साफ किया है कि सरकारी स्कीम्स के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं बनाया गया है।
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट की ओर से आधार की अनिवार्यता पर सवाल उठाने के बाद मोदी सरकार ने मंगलवार को यह साफ किया है कि सरकारी स्कीम्स के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं बनाया गया है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्वयं आधार के जरिए गरीबों के लिए चलाई जा रही कई स्कीम्स का लाभ देने की अनुमति दी है लेकिन यह स्पष्ट है कि इसे अनिवार्य नहीं बनाया गया है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति के पास आधार नहीं है तो वह राशन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे कई अन्य आईडी का इस्तेमाल कर सकता है।
कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार अनिवार्य नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक पिटीशन पर सुनवाई के दौरान यह कहा था कि सरकार कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं कर सकती है। हालांकि सरकार को अन्य योजनाओं जैसे कि बैंक अकाऊंट खोलने में आधार का इस्तेमाल जरूरी करने से नहीं रोका जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार को अनिवार्य बनाने को चुनौती देने वाली पिटीशंस की सुनवाई के लिए 7 जजों की एक बेंच बनाई जानी है। हालांकि यह अभी संभव नहीं है।
1 जुलाई से कई कामों के लिए अनिवार्य होगा आधार
सरकार ने पैन कार्ड, इनकम टैक्स रिटर्न, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, गैस कनैक्शन लेने व बैंक अकाऊंट खोलने सहित कई सर्विसेज में आधार को 1 जुलाई से अनिवार्य करने जा रही है। सरकार ने करीब तीन दर्जन केंद्रीय कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए 12 डिजिट के आधार नंबर को अनिवार्य कर दिया है। इनमें मिड डे मील भी शामिल है। केंद्र सरकार की अधिकांश मिनिस्ट्रीज की तरफ से चलाई जा रही स्कीम्स का लाभ लेने के लिए 30 जून तक आधार नंबर देने को कहा गया है।
108 करोड़ आधार कार्ड
वित्त मंत्री अरुण जेतली ने पिछले हफ्ते कहा था कि भविष्य में पहचान पत्र के तौर पर केवल आधार कार्ड का ही इस्तेमाल किया जाएगा। यह वोटर आईडी और पैन कार्ड की जगह ले लेगा। देश में 98 फीसदी लोगों के पास आधार कार्ड है। यानी करीब 108 करोड़ आधार कार्ड हैं।