बीएस-6 बन सकता है ऑटो कंपनियों के लिए मुश्किल

Edited By ,Updated: 04 Apr, 2017 12:49 PM

bs 6 can become difficult for auto companies

पिछले सप्ताह सुप्रीम कोेर्ट ने बीएस-3 वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया, जिस कारण वाहन निर्माता कंपनियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। अप्रैल 2020 में जब बीएस-6 की समयसीमा आएगी तो उन्हें एक बार फिर चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।

नई दिल्लीः पिछले सप्ताह सुप्रीम कोेर्ट ने बीएस-3 वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया, जिस कारण वाहन निर्माता कंपनियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। अप्रैल 2020 में जब बीएस-6 की समयसीमा आएगी तो उन्हें एक बार फिर चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने देशभर में एक अप्रैल से बीएस-3 वाहनों की बिक्री और पंजीकरण पर पाबंदी लगाने में अहम भूमिका निभाई थी। प्राधिकरण चाहता है कि बीएस-6 के लिए अप्रैल 2020 की समयसीमा न केवल विनिर्माण पर लागू हो बल्कि इसे बिक्री और पंजीकरण में भी लागू किया जाना चाहिए।

ईपीसीए एक संवैधानिक संस्था है जिसे सुप्रीम कोेर्ट के निर्देश पर केंद्र सरकार ने 1998 में गठित किया था। ईपीसीए और न्यायालय की सहायता के लिए नियुक्त वकील हरीश साल्वे ने वाहन निर्माता कंपनियों को अदालत में घसीटा था। इन कंपनियों की दलील थी कि बीएस-4 से संबंधित अधिसूचना केवल विनिर्माण से संबंधित है और इसका बिक्री तथा पंजीकरण से कोई लेनादेना नहीं है। ईपीसीए का दावा था कि बीएस-4 लागू करने के लिए अप्रैल 2017 की सीमा केवल विनिर्माण के लिए नहीं है और इस तिथि के बाद केवल बीएस-4 वाले वाहन ही बेचे जाने चाहिए। न्यायालय ने बुधवार को एक आदेश पारित कर बीएस-3 मानक वाले सभी वाहनों की अप्रैल से बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। इससे कंपनियों के पास इस तरह के मानक वाले हजारों करोड़ रुपए के वाहन रह गए। 

ईपीसीए और साल्वे अब चाहते हैं कि बीएस-6 उत्सर्जन के लिए अप्रैल 2020 की समयसीमा के बाद इस मानक के इतर वाहनों की बिक्री पर रोक लगनी चाहिए। अगर ऐसा होता है तो इसे बीएस-6 की समयसीमा कम से कम दो से तीन तिमाही पहले होगी जिससे कंपनियों के पास बहुत कम समय रह जाएगा। ईपीसीए ने अदालत में प्रदूषण से निपटने के लिए पिछले महीने सौंपी गई अपनी व्यापक कार्ययोजना में भी इस मुद्दे को उठाया है। वाहन निर्माता कंपनियों के लिए अप्रैल 2020 से बीएस-4 उत्सर्जन मानक लागू करने के लिए पहले ही समय बहुत कम है। सरकार ने जनवरी 2016 में बीएस-6 को अप्रैल 2020 से लागू करने की घोषणा की थी। पहले यह समयसीमा अप्रैल 2021 थी। साथ ही बीएस-4 के बाद बीएस-5 पर जाने के बजाय सीधे बीएस-6 पर जाने का फैसला किया गया था। इससे पहले बीएस-5 को 2022 से और बीएस-6 को 2024 से लागू करने का रोडमैप था। आखिरकार कंपनियां अप्रैल 2020 से बीएस-6 को लागू करने पर सहमत हुई हैं। अगर अप्रैल 2020 से बीएस-6 वाहनों की बिक्री और पंजीकरण शुरू होता है तो कंपनियों को कई महीने पहले ही बीएस-4 मानक वाले वाहनों का निर्माण बंद करना होगा। 

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